Sunita gupta

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दैनिक प्रतियोगिता हेतु स्वैच्छिक विषय कूष्मांडा देवी

प्रतियोगिता हेतु रचना
  कूष्मांडा देवी 
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          कूष्मांडा देवीआदिशक्ति मां 

हे आदिशक्ति, मां जगदम्बा,
इतना मुझपर उपकार करो।
तन से हो सबकी सेवा नित,
मां मनके सभी विकार हरो। 

अलौकिक शक्ति तुम्हारी है,
तुम ज्ञान बांटती हो माता।
अस्त्रों शस्त्रों से सज्जित हो,
कोई बार नही खाली जाता। 

करती मां सिंह सवारी हो,
मेरा भी अब उद्धार करो।
हे आदिशक्ति, मां,,,,,, 

करूणा बरसाती रहती हो,
बनकर के वीणा वाली तुम। 
दुष्टों का नाश सदा करती,
बनकर के माता काली तुम। 

यह मेरा हृदय समर्पित है,
मेरा हृदय स्वीकार करो।
हे आदिशक्ति मां,,,,,,,,, 

हो शक्ति दायिनी तुम माता,
आराधन रोज तुम्हारा हो।
मन अर्पित तुमको करती हूं,
अब मनमें भी उजियारा हो। 

सरितांए सब तुममे भर्ती,
इस'सरिता' को भवपार करो।
हे आदिशक्ति मां,,,,,,,,,, 

सुनीता गुप्ता 'सरिता'कानपुर

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8 Comments

तुम में,,,, होना चाहिए

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बार नहीं जी वार होता है

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बहुत ही सुंदर सृजन

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