साजिश (अ थ्रिलर स्टोरी) एपिसोड 26
वॉशरूम में एक आदमी बार बार मुंह धोने के बहाने राहुल से मुंह छिपा रहा था, राहुल भी शीशे में खुद को देखते हुए एक हल्की सी हँसी हँसा और अपना मजाक उड़ाते हुए बोला- "बेटा आज तो गया तू…. तू मरेगा आज, और तुझे बचाने वाला भी कोई नही होगा" राहुल खुद को बोल रहा था क्योकि उसे शक था कि कुछ लोग उनका पीछा करते हुए हॉस्पिटल तक पहुंच गए है। ऐसे हालात में राहुल करता भी क्या? दिमाग लड़ा सकता है सिर्फ भागने के लिए, थोड़ा बहुत मास्टर प्लान बनाना दीपक से सीख रखा था लेकिन अगर फाइट करने की नौबत आ जाएगी तो शायद आज उसकी खैर नही थी, खुद बचे या नही लेकिन रोशनी……. उस रोशनी का क्या होगा जिसके लिए इतनी जंग लड़ी थी।
मुँह धो रहे आदमी ने जब राहुल की बात सुनी तो ठंडे पानी से मुंह धोते हुए भी मानो पसीने छूटने लगे हो,उसने दो कदम पीछे लिए और भाग गया।
राहुल के समझ में नही आया कि आखिरकार उस आदमी को ऐसा क्या करंट लग गया जो वो भागा। दीपक भी उसके भागते ही बाहर की तरफ भागते हुए आया , वो आदमी पीछे मुड़कर तक नही देख रहा था। राहुल वापस वॉशरूम के अंदर आया और बोला- "पता नही क्या पागलपन का दौरा उठा था उसे…"
तभी अचानक राहुल को भी ठीक वही पागलपन का दौरा पड़ा और वो भागते हुए बाहर आया और जिस तरफ वो आदमी भागा था उस तरफ भाग गया, क्योकि राहुल को लगा शायद वो ही था जो उनका पीछा कर रहा था, और उसने मुझे दीपक समझकर पहचान लिया था। मैं दीपक होता तो शायद उसे भी पहचान लेता लेकिन वो नही जानता कि मैं दीपक नही हूँ"
थोड़ा दूर भागने के बाद राहुल ने चारों तरफ उस आदमी को ढूंढने की कोशिश की, लेकिन वो कहीं नही मिला।
"शीट…. भाग गया…." कहते हुए राहुल वापस कमरे की तरफ आया और तेजी से रोशनी के पास वापस आकर शांति से बैठ गया।
"क्या हुआ? ऐसे हाँफते हुए कहाँ से आ रहे?" रोशनी ने सवाल किया।
"रोशनी हमे निकलना होगा, 6 बजे डिस्चार्ज होना है ये बात शायद वो लोग भी जानते है, इसलिए हम दोनो 6 बजे से पहले यहां से छिपकर निकल जाएंगे। क्योकि उन लोगो ने जरूर कोई प्लान बनाया होगा हमे पकड़ने के लिए" राहुल ने रोशनी से कहा।
रोशनी हैरानी से राहुल को देख रही थी, क्योकि पहले दीपक कोई भी कदम उठाता था तो इतना क्विकली करता था की रोशनी पूछ भी नही पाती थी, लेकिन एक दो दिन से वो अपना प्लान साथ के साथ रोशनी को बताए जा रहा था। अब वो दीपक तो था नही जो खुद पर इतना कॉंफिडेंट रहता, आत्मविश्वास की कमी राहुल में थी। जो रोशनी को भी नजर आ रही थी लेकिन रोशनी ये सब नोटिस ये सोचकर नही कर रही थी कि दीपक बदल गया है, उसे ये लग रहा था कि शायद अब बहुत बड़ी मुशीबत में वो लोग फँसने वाले है और दीपक ये सब रोशनी को बताकर परेशान नही करना चाहता।
"लेकिन हम भागेंगे कैसे" रोशनी ने सवाल किया।
"तुम बस तैयार रहो, मैं गाड़ी लेकर गेट पर आऊंगा तुम्हे अविनाश नीचे गेट तक लेकर आएगा और हम चले जायेंगे उसके बाद आपका डिस्चार्ज पेपर और बाकी की फॉर्मेलटीज़ करके अविनाश बाद में आएगा, फिलहाल हमारा जाना जरूरी है" राहुल ने कहा।
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थोड़ी ही देर में रोशनी और राहुल गाड़ी लेकर निकल पड़े। और अविनाश वापस हॉस्पिटल में आकर बैठ गया।
गाड़ी थोड़ा तेजी से चलाते हुए राहुल ने कहा- "पता नही क्यों ये लोग जान धोकर हाथ के पीछे पड़ गए, मुझे कुछ समझ नही आ रहा है। इन लोगो से छुटकारा पाने के लिए किस किस को मारना होगा?"
"हाथ धोकर जान के पीछे" रोशनी ने राहुल की बात को करेक्ट करते हुए कहा।
"हां हां, वही…." राहुल ने कहा।
"तुम इतनी टेंशन कब से लेने लग गए दीपक।" रोशनी बोली।
"तुम्हारी…. तुम्हारी टेंशन है अपनी नही।" राहुल बोला।
"हां मेरी ही….मुझे पता है तुम मेरी ही टेंशन ले रहे हो लेकिन इतनी क्यों?" रोशनी ने कहा।
राहुल ने रोशनी की तरफ शंशय भरी नजरों से देखकर कहा- "वही तो पता नही"
रोशनी थोड़ा दीपक के पास खिसकते हुए उसके बाजू में हाथ डालते हुए बोली- "क्यों? इतना भी नही पता?"
"प्लीज रोशनी, हमेशा मजाक नही, प्लीज शीटबेल्ट पहनो और ठीक से बैठो" राहुल बोला।
रोशनी ने राहुल के कंधे पर सिर रखते हुए कहा- "आज कितने दिन बाद…. दिन क्या महिने, शायद सात आठ महीने बाद हम ऐसे लांग ड्राइव पर निकले है"
राहुल को बहुत अजीब लग रहा था रोशनी का उसके कंधे पर सिर रखना, उसे गाड़ी चलाने में भी असहजता महसूस हो रही थी लेकिन वो सिर्फ इसलिए ये सब नही बोल ल रहा था क्योकि शायद दीपक को ये सब अच्छा लगता होगा। राहुल ने नजर शीशे में रोशनी को देखते हुए कहा- "इतने करीब आओगे तो ये लांग ड्राइव ज्यादा ही लांग ना हो जाएगा, प्लीज शीटबेल्ट पहनकर ठीक से बैठ जाओ, अगर पुलिस वाले मिले तो चालान भी काटेंगे और राहुल समझकर पकड़ भी लेंगे, कहेंगे कि राहुल जिंदा है।"
"इधर सुनसान इलाके में कहाँ कोई पुलिस होगी। और वैसे भी जिस तरह वो गुंडे हमारे पीछे पड़े है ऐसे हालात में कहना मुश्किल है कब तक हम एक साथ है, ना जाने कब वो मुझे तुमसे जुदा कर देंगे, फिर तो ये लम्हे बस यादें बन……" रोशनी बोल ही रही थी राहुल ने झट से उसके मुंह पर उंगली रख दी और कहा- "ऐसी बातें मत करो, कितनी बार जुदा करेंगे वो तुम्हे दीपक से…. मैं हर बार उन्हें कामयाब नही होने दूँगा, और मेरे जीते जी तो तुम्हे कोई जुदा नही कर सकता"
राहुल ने कह तो दिया लेकिन फिर सोचने लगा कि वो क्यो दीपक के केरेक्टरमे इतना घुस रहा है, जैसे वो भी रोशनी को दीपक की तरह ही चाहता हो।
"मैं जानती हूँ इसलिए तो टेंशन फ्री हूँ" रोशनी ने कहा।
राहुल मन ही मन सोचने लगा- "तुम टेंशन फ्री हो सकती हो रोशनी लेकिन मैं ये क्या कर रहा हूँ…. तुम मेरे जितने करीब आ रही हो मैं तुम्हारा होते ही जा रहा हूँ, अगर दीपक हमे देख पा रहा होगा तो मुझे भर भर के गालियां दी रहा होगा…. खैर वो क्यो गाली देगा, उसके दुश्मन मेरे दुश्मन हो सकते है तो प्यार क्यो नही? शुरू में जब उसके चक्कर मे मुझे गोली लगी थी और उसने मुझे अपने दुश्मनों के नाम गिनाए थे तो मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था उसपर, लेकिन आज मैं वो गुस्सा और दुत्कार वापस लेता हूँ, क्योकि उसने मुझे सिर्फ दुश्मनी नही दी है मुझे जीने का एक मकसद, और तुम्हारी जैसी एक दिल से चाहने वाली लड़की दी है, पहले मैं सोच रहा था कि तुम्हे सब सच बता दूँगा लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि रहने दूँ, अगर तुमने सच जानकर मुझे अपनाने से मना कर दिया त
तो।"
राहुल सोच में डूबा हुआ गाड़ी चला रहा था और रोशनी आंख मूदकर राहुल के कंधे पर सिर रखकर बैठी थी, शायद उसकी आंख लग गयी थी।
रोशनी की नींद और राहुल के ख्वाब एक साथ एक तेज गाड़ी के ब्रेक के साथ टूटे। राहुल ने गाड़ी को बहुत तीव्रता से रोका की रोशनी का सिर स्टेरिंग पर जा पटका, रोशनी सिर पकड़कर आह भर रही थी लेकिन राहुल का ध्यान सड़क पर खड़ी दो गाड़ियों और आठ दस लड़को पर थी जो राहुल की गाडिको रोक लिए थे।
कहानी जारी है
Fiza Tanvi
27-Aug-2021 05:54 PM
Behtarin kahani
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Sana khan
27-Aug-2021 12:27 PM
Awesome
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Miss Lipsa
27-Aug-2021 04:49 AM
Wow nice
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