सौ बात की इक बात है!
सौ बात की इक बात है
इक रात है, इक रात है
आइए जी! खुशामदीद
इरशाद है, इरशाद है।
फरमाइए, कुछ बात
इधर आइए पधारिए
आसमां में है चांद जो
उसे जमीं पर उतारिए
फकत कुछ लफ्ज़ ही
कहिये क्या बात है
सौ बात की इक बात है
इक रात है, इक रात है।
प्याले तो खनकेंगे ही
मयखाने की शान है
पढ़िए आज गज़ल वो
जमाने की जो जान है
बयां करिए उस बला को
आलम बना हजरात है
सौ बात की इक बात है
इक रात है, इक रात है।
मोहब्बत के सौ कसीदे
पढ़ दीजिए जरा आकर
कोई तो दवा दीजिए
हम आए हैं चोट खाकर
इश्क ने है तोड़ा बड़े बड़ो को
इसके आगे हमारी क्या बिसात है
सौ बात की इक बात है
इक रात है, इक रात है।
आंसू छलकने दीजिए आज
होंठो पे मुस्कान सजाइए
ज़ख्म कर दीजिए हरा फिर
दर्द भरे नज़्म सुनाइए
मुस्कुराएंगे हम फिर भी,
इस दर्द की क्या औकात है!
सौ बात की इक बात है
इक रात है, इक रात है।
#MJ
मनोज कुमार "MJ"
Niraj Pandey
24-Aug-2021 04:48 AM
वाह जबरदस्त👌
Reply
Ravi Goyal
23-Aug-2021 09:58 AM
Waah bahut sunder rachna 👌👌
Reply
Swati chourasia
23-Aug-2021 09:57 AM
Very nice
Reply