दैनिक प्रतियोगिता हेतु स्वैच्छिक विषय 5,स्कंद मां की स्तुति
5,देवी स्कंद माताजी 🌹
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मां स्कंद ने कार्तिकेय सा अनुपम बेटा पाया।
देवासुर संग्राम जीत कर उसने नाम कमाया।
देवोंकी मिटी कष्टरात्रि,देवों को मिला सबेरा।
हर्षाया संसार मिट गया सबका गहन अंधेरा।
मां ने शिव पूजा से पाया ऐसा जगमग हीरा।
प्रगट न होते कार्तिकेय तो कैसे मिटती पीरा।
अपने मन में सदा बसाए माता जी की मूरत।
हृदय अंदर सदा बसाए ,मां की भोली सूरत।
श्री चरणों में करते रहना, अपना रैन बसेरा।
माता रानी भक्तों को, देती है उज्जवल डेरा।
जोभी आते मां चरणों में मिलते उसे उजाले।
पाकर कृपा मातु रानीकी होते भाग्य निराले।
प्राणों की निर्मल धारामें हरपल सुमिरन तेरा।
तोड़ा है कलयुग में मां ने , बाधाओं का घेरा।
वेद पुराण वखान कर रहे तेरी महिमा प्यारी।
'सरिता'चरणों में बहती मां आकरके है हारी।
सुनीता गुप्ता 'सरिता' कानपुर उत्तर प्रदेश
Swati chourasia
01-Oct-2022 08:49 PM
🙏🙏
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आँचल सोनी 'हिया'
30-Sep-2022 11:45 PM
Very nice 👍
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Supriya Pathak
30-Sep-2022 11:06 PM
Bahut khoob 🙏🌺
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