Kavita Jha

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आत्महत्या एक डरावनी प्रेम कहानी # लेखनी धारावाहिक प्रतियोगिता -09-Sep-2022

भाग-20


अगले दिन दिन परिवार के सभी सदस्य और रिश्तेदार सभी दोपहर का खाना खा रहे थे । 
मछली भात उसके बाद दही चीनी साधना को परोसना था।
 
भटफोड़ी वाले दिन साधना की अचानक तबियत खराब हो जाने के कारण और घर में सब रात की पार्टी के लिए ही बिज़ी थे तो मछली चावल बनाने का प्रोग्राम रद कर दिया। 

मछली साधना ने ही बनाई, सबने बहुत तारीफ की।

"वाह! जादू है इस नई बहू के हाथों में।क्या लज़ीज़ खाना बनाया है। माछ का झोर बहुत स्वाद बना है।"

  सिद्धार्थ के रिश्तेदार उंगलियां चाट चाट कर खाना ऐसे खा रहे थे जैसे ऐसा खाना पहले कभी उन्होंने खाया ही ना हो।
मछली के साथ चार तरह की सब्जी, भुजिया पकौड़े और चटनी।
 
जब खाने के बाद दही के साथ चीनी देने के लिए साधना को कहा गया तो दीपा की आत्मा जो साधना की तारीफ सुनकर जल भुन रही थी उसने अब साधना को सबकी नजरों से गिराने के लिए चीनी के डिब्बे को बदल दिया कल पार्टी में बचे अजीनोमोटो से।जो देखने में बिल्कुल चीनी जैसा ही लगता है ! जिसे एम एस जी भी कहते हैं वैसे तो ये खाने के स्वाद को बढ़ाता है पर अत्यधिक सेवन करने से बहुत सी बीमारियां हो जाती है ।

सबसे ज्यादा प्रॉब्लम होती है अजीनोमोटो खाने से  हमारे दिल पर।
 दिल की धड़कन रुक जाती है।
यह दीपा ने किताबों में पढ़ा था। 

दीपा को मैगी बहुत पसंद थी पर उसमें भी एमएसजी बहुत ज्यादा होने के कारण कुछ महीनों के लिए बैन कर दिया गया था । 

कितना छटपटाती थी वो मैगी खाने के लिए। मैगी और चाईनीज फूड में तो स्वाद बढ़ा देता है लेकिन इसे चीनी की तरह खाने से तो लोगों की हालत खराब हों जाएगी।

 सब थू,- थू करेंगे साधना पर। लोगों को लगेगा कि साधना ने खाने में ज़हर मिला दिया है। 

उसे पुलिस पकड़ कर ले जाएगी और जेल में डाल देगी।मुझ पर तो किसी को शक ही नहीं होगा। मैं तो आत्मा हूँ, मुझे कोई नहीं देख सकता। एक बुरी आत्मा हूंँ जो सिर्फ बुराई करना जानती है।
 मुझे बुरा किसने बनाया था इसी दुनिया वालों ने और मेरी मौत का जिम्मेदार भी तो यही लोग हैं जिन्होंने अपने फायदे के लिए मेरे सिद्धार्थ को मुझसे दूर किया।

वैसे इस अजीनोमोटो खाने से ये लोग मर जाएं तो एक तीर दो शिकार वाली कहावत सिद्ध है जाएगी।

 मैं सबका खात्मा कर दूंगी...हा...हा.. हा..... कोई भी नहीं बचेगा और नाम  आएगा साधना का।
 
मुझे आत्महत्या पर मजबूर करने वाले आज इसका नतीजा भुगतेंगे। दीपा की आत्मा जोरों से हंँस रही थी अपनी योजना पर।

सावन अपनी साधना को हर हाल में बचाना चाहता था और साथ में सभी लोगों की जान भी।पता नहीं कुछ लोगों के मरने के बाद भी उनकी आत्मा क्यों दूसरों का बुरा चाहती हैं ।

जब साधना चीनी के डब्बे में रखें अजीनोमोटो को सबको खाने में परोसने वाली थी कि तभी...


क्रमश:

आपको यह कहानी पसंद आ रही है यह जानकर खुशी हुई। 
इस कहानी से जुड़े रहने के लिए मेरे प्रिय पाठकों का तहे दिल से शुक्रिया। आप इसी तरह कहानी से जुड़े रहिए और अपनी समीक्षा के जरिए बताते रहिए कि आपको कहानी कैसी लग रही है।

कविता झा'काव्या कवि'
#लेखनी धारावाहिक प्रतियोगिता 

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2 Comments

Khushbu

05-Oct-2022 04:06 PM

Nice

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Gunjan Kamal

30-Sep-2022 10:10 AM

शानदार

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