Rajesh rajesh

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रवि और मोती कुत्ता

रवि की आयु 12 -13 वर्ष किसकीथी।रवि अपनी मां और बहन के साथ मसूरी के एक छोटे से गांव में रहता था।रवि आठवीं कक्षा में पढ़ता था रवि की मां गाय भैसों का दूध बेच कर अपने घर का खर्चा चलाती थी।

 20 -25 घरों का छोटा सा गांव था रवि का।
 रवि का सबसे अच्छा मित्र उसका सफेद रंग का कुत्ता मोती था। मोती कुत्ता रवि का कहना ऐसे मानता था, जैसे उसका छोटा भाई हो।

रवि का ज्यादा से ज्यादा समय मोती कुत्ते के साथ ही बीतता था। 

घर के खर्चों में मां की मदद करने  करने के लिए।
रवि विद्यालय से आने के बाद मोती  कुत्ते के साथ मंसूरी की सुंदर-सुंदर तस्वीरें मंसूरी घूमने आए लोगों को बेचता  था।

 रवि और मोती कुत्ता जब तस्वीरें बेचते बेचते थक जाते थे।  तो दुकान से दूध  बिस्कुट  ब्रेड  लेकर पहाड़ की पटरी के किनारे बैठ कर खाते थे, और सुंदर सुंदर  प्राकृतिक नजारों और आने जाने वाले लोगों को देखते रहते थे।

और शाम को तस्वीरें बेच  कर पैसे इकट्ठे करके घर के लिए भी 
खाने-पीने की चीजें लेकर जाया करते थे।
शाम को जब यह दोनों घर पहुंचते थे, तो मोती कुत्ता उछल उछल कर रवि की मां और बहन को इशारों से और तेज तेज पूछ हिला हिला कर बताता था, कि हम तुम्हारे लिए भी खाने-पीने का सामान लाए हैं।

रवि अपने परिवार और मोती कुत्ते के साथ गांव के लोगों के साथ बहुत हंसी खुशी से अपना जीवन काट रहा था।
1 दिन गांव के लोग  लंगूरो के आतंक से परेशान होकर रात को पंचायत करते हैं।
लंगूर किसी भी समय इनके घरों में घुस जाते थे। और खाने पीने का सामान इसके अलावा गांव के लोगों को भी नुकसान पहुंचाते थे।

रवि पंचायत की बात सुनने के बाद उसी दिन से रात को डंडा लेकर गांव की चौकीदारी करने लगा था। और जहां भी उसे लंगूर दिखाई देते थे। उन्हें डंडे या दूसरे तरीकों से डरा कर भगा देता था।
लंगूर को लगातार भगाने से लंगूर गांव में आना बंद हो जाते हैं। और पूरा गांव रवि की बहादुरी की कीबहुत प्रशंसा करता है।

सर्दियों की रात थी। रवि खाना खाने के बाद अपने मोदी कुत्ते के साथ आग जलाकर आगताप रहा था।
 रवि को उसी समय एक महिला बच्चे और एक युवक के  चिल्लाने की आवाजें आती है। रवि पहाड़ के ऊपर से नीचे देखता है, तो  सड़क के बीचो बीचएक मोटरसाइकिल गिरी हुई थी। और हटे कटे मजबूत जंगली कुत्तों ने एक महिला उसके बेटे और पति को चारों तरफ से घेर रखा था। और तेज तेज उन पर भोंक रहे थे।
उसी समय रवि पहाड़ से नीचे भागकर आता है। और उन  हट्टे कट्टे कुत्तों के बीच में घुसकर अपनी बहादुरी से उस महिला उसके पति और बच्चे को बचाता है।
इन को बचाते बचाते रवि बुरी तरह घायल हो जाता है।
मोती कुत्ता  भोंक भोंक करसब गांव वालों को इकट्ठा कर लेता है। 

गांव के कुछ लोग उस महिला और उसके पति बच्चे को सड़क के किनारे बैठा देते हैं। और कुछ लोग रवि के जख्मों से खून साफ करते हैं।
उस दिन गांव के सब लोग रवि की बहादुरी से बहुत खुश होते हैं। और कहते हैं,यह हमारे गांव का वीर सपूत है।

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4 Comments

Milind salve

07-Oct-2022 05:40 PM

बहुत खूब

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Bahut khoob likha hai aapne 🌺💐👍

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shweta soni

04-Oct-2022 04:46 PM

Bahut khub

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