Sunita gupta

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दैनिक प्रतियोगिता हेतु स्वैच्छिक विषय ,,कालरात्रि मां

दिवस ,7,मां काल रात्रि
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मां कालरात्रि, ये आत्मसाक्षात्कार,मां तेरा आविष्कार , ये जल उठे दीप हजार कलयुग मे किए तूने नए चमत्कार ये कालरात्रि,,,,,,
कुसंस्कारों की चट्टानें,आसक्ति की यंत्रणाएं,भय शंका की श्रृंखलाएं,पर्वत सी भारी मंत्रनाएं,सब कहां ढह गई,बिखर कर रह गई ,तेरी करुणा के सांद्र सागर मे अगणित हम पर तेरे उपकार ,कलियुग मे किए तूने नए चमत्कार  हे कालरात्रि ,,,,,

अत्याचारी का तर्जन ,भ्रष्टाचारी का मर्दन ,व्यभिचारी का नर्तन ,ज्ञान विज्ञान का सर्जन परवर्तित सब कैसे हुए ,तेरे मातृप्रेम आगार् मे तूने सुझाया  इस पार ,उस पार कलियुग मे किए तूने नए चमत्कार हे काल रात्रि ,,,,,,,,

शक्ति हीन की मुखरित आहें , दुर्बल की अरचित बाहें ,पीड़ित की क्रांदित राहें ,शक्तिदायी हुए ,वीरवार हो गए ,जागे निरानंद घर घर मे ,सबको जगाने हुआ तेरा अवतार कलयुग मे किए तूने नए चमत्कार हे काल रात्रि,,,,,,

नवयुग करता है तेरा अभिनंदन ,निर्मल मन से कालरात्रि मां का वंदन तू,माता  माईहम सहयोग के नंदन ,तेरा आशीष हर माथे का चंदन तेरी कृपा से भर लिया हमने ,सागर गागर मे,तेरे चरणों मे शत कोटि नमस्कार ,कलियुग में किए तूने नए चमत्कार हे कालरात्रि 
मां,,,

सुनीता गुप्ता ,,सरिता,,कानपुर

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8 Comments

Behtreen prastuti 🙏🌺💐

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Gunjan Kamal

05-Oct-2022 06:50 PM

बहुत ही सुन्दर

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नंदिता राय

03-Oct-2022 09:49 PM

शानदार

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