Sunita gupta

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दैनिक प्रतियोगिता हेतु स्वैच्छिक विषय ,,लाल बहादुर शास्त्री वा महात्मा गांधी

आज़ादी का अमृत महाउत्सव २०२१  गाँधी जी 
लाल बहादुर शास्त्री जी 

लाल बहादुर शास्त्री 

बहती नदी सा लाल था वो 
संघर्षशील जीवन कहानी 
राहगीर बन मदद करता था वो 
पतझड़ में बहार ले आता था वो  

माँ लाल बहादुर की थी वो 
यमुना पार स्कूल पहुँच जाता वो 
मान नही अभिमान नही 
दिनकर ,प्रेमचंद का अनुयायी था वो 

विपदाओं की कठिन घड़ियों में 
जन नायक नेता बन आया था वो 
जय जवान जय किसान का 
दिया देश को नारा था वो 

देश बचाने जान की बाजी लगा वो 
रणनीति का हुआ शिकार था वो
गंगा जमुना निर्मल धाराओं में 
सरस्वती पुत्र बहती नदी था वो

अनिता शरद झा
गाँधी जी अमर गाथा 
दांडी सत्याग्रह दिवस पर 
नमक ने बदली देश की क़ीमत थी 
तुम मुझे खून देना मै तुम्हें आज़ादी दूँगा 
स्वाधीनता का प्रतिक़ मान चलाया 
बापू ने चलाया आंदोलन था 

 आओ बच्चों तुम्हें  सुनाये 
  देशप्रेम की अमर कहानी
  बापू के शिलालेख 
 आज़ादी की अमर कहानी

  बापू के तीन बन्दर साथ चले थे 
   जीवन के मूल आधार बने थे 
   दांडी सत्याग्रह नमक ने 
 पकड़ा आज़ादी का नारा था 

 अंग्रेज़ो को धुल चटाया 
बिना रक्त ढाल के 
सिद्धांतों के दुर्लभ मोती थे 

गांधी भारत माता माला के दुर्लभ वो मोती थे 
आशाओं विश्वास के रत्न चमकते मोती थे 
दीप जला उमंगों तरंगों से करते संचार थे 
हुआ नही हासिल ये सौभाग्य किसी को 

आज़ादी से गूथा ये संसार हैं । 
आज भी बहती अमृत की धारा है 
नमक ने बदली स्वतंत्रता की धारा है
आज भी बापू की शिलालेख 
मालाओं से गूथा ये संसार हैं । 

गांधी चरखे सूत कात तुलसी
 माला माँ कस्तूरबा कहलाती थी । 

कौशलक्षेत्र की माता से हुई , 
कल्पना रामराज्य की 
गांधी ने पहचान बताई , 
ईश्वर राज्य ही कल्पना है 

सच्चाई मितव्यता संचार हों ,
वही ईश्वर बस जाते है 
जगत कल्याण जगाय , 
जनमन में ममता विश्वास हैं 
 
श्वेत धोती कपास माला पहन
 शान्तिदूत बन आये 
हर पत्थर की नींव मज़बूत बनाकर ,

स्वतंत्रता का  ,बिगुल बजाया 
ख़ुद करके देखो , अलख जगाया 
पत्थर को भगवान बनाया 
श्रद्धा का संचार जगाया 

 एक ही लक्ष्य था ,एक ही वाणी , 
मेरे सुख से मैं वंचित हो जाऊँ , 
अपनो से अपनो का जीवन संचित कर जाऊँगा ।
गर ज़रूरत दुश्मन को भी हो 
विश्वास उनका मैं बन जाऊँगा ।

 बापू मन की आस यही थी 
बापू मन का सार यही था 
आज भी बच्चों की मन वाणी 
एक ही बापू की अमर कहानी 
गूँज रही भूमंडल पर 
महात्मा बापू कहलाये ।

जीवन का सार लक्ष्य 
श्रद्धासुमन समर्पित 
मनोभाव की पुकार ।
सुनीता गुप्ता ,सरिता, 

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9 Comments

Gunjan Kamal

05-Oct-2022 06:30 PM

बहुत ही सुन्दर

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Bahut khoob likha hai 💐👍🙏

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Palak chopra

03-Oct-2022 10:52 PM

Bahut khoob 🙏💐

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