Priyanka06

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लेखनी प्रतियोगिता -03-Oct-2022 खुशी और गम के चक्र

शीर्षक-खुशी और गम के चक्र


खुशी और गम,
समय के है चक्र,
जीवन में होता इनका चरण।

गम और खुशी है सखियां,
इन बिन जीवन चक्र अधूरा,
यही है संसार की माया।

जब गम का होता सामना,
मन हमारा घबराता,
करने लगता साधना।

जब आती है खुशी,
सब भूल जाते हैं भक्ति,
मोह माया में हो जाते हैं लिप्त।

खुशी हो या गम,
आंगन के हैं दोनों पुष्प,
एक दिन तो बनते पतझड़।

खुशी हो या गम,
दोनों में बने रहे सम,
धैर्य से करो कर्म।

गम के बादल जरूर छटते,
जब-जब हम धैर्य से काम करते,
पथ में हम कभी ना रुकते।

गम हो या खुशी,
मन में बनाए रखो हंसी,
यही है हमारी जिंदगी।

खुशी में किसी को ना भूलो,
गम में किसी से बैर ना करो,
हमेशा हाथ बढ़ाते रहो।

खुशी हो या गम,
सभी से हो  मर्म,
यहीं है अपना धर्म।

लेखिका
प्रियंका भूतड़ा

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10 Comments

Bahut khoob 🙏💐🌺

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Khan

06-Oct-2022 11:51 PM

Bahut khoob 💐

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Pratikhya Priyadarshini

05-Oct-2022 12:59 AM

Bahut khoob 🙏

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