लेखनी प्रतियोगिता -08-Oct-2022 सच और झूठ का पथ
रचीयता-प्रियंका भूतड़ा
शीर्षक-सच और झूठ का पथ
विषय-रास्ते
चयन करो हमेशा सच का पथ,
कभी नहीं छुयेगा संकट,
हमेशा अपनी बात पर रहना अटल।
सच ही हमारा कर्म,
निभाओ सच के साथ धर्म,
पथ पर नहीं डगमगायेगे कदम।
जीवन में होंगे कितने सवाल,
सच का कभी न करना त्याग,
सच का देना हमेशा साथ।
झूठ का उतरता हमेशा नकाब,
सच होता हमेशा साकार,
झूठ का नहीं होता आधार।
झूठ होता दो-तीन दिन का मेहमान,
सच जब आता बनता रिश्तेदार,
हर इंसान से रहता वफादार।
टेढ़े मेढे होते रास्ते,
निर्भर होकर हमें है चलना,
निरंतर पथ पर बढ़ते रहना।
झूठ का रास्ता जब भी अपनाते
कुर्माग का रास्ता हमें दिखाते,
पथ से हमेशा हमें भटकाते।
रास्तों को बनाना सुगम,
छोड़ना फूलों की महक,
तारीफे हो हर कदम।
Suryansh
11-Oct-2022 05:41 PM
सीख और जीवन की हकीकत को बयां करती हुई कविता
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Pratikhya Priyadarshini
10-Oct-2022 07:57 PM
Acha likha hai aapne 👌🌸🌺
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Sachin dev
09-Oct-2022 06:37 PM
Nice 👍👍
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