सौदा
ग़ज़ल = ( सौदा )
दिल निकालकर हथेली पे रख दिया !
दिल का मेरे उसने सौदा कर दिया !!
पैमाना वफ़ाओं का रह गया खाली !
ख़ून ए जिगर भी उसमें भर दिया !!
दिल निकालकर हथेली पे रख दिया !
दिल का मेरे उसने सौदा कर दिया !!
कहने को बात दिल में बहुत थी मगर !
एक पल में बेगाना हमें कर दिया !!
ये सिला वफ़ाओं का हमको मिला !
कांटो से दामन मेरा भर दिया !!
दिल निकालकर हथेली पे रख दिया !
दिल का मेरे उसने सौदा कर दिया !!
उसे कैसे दिल से करूं बेदख़ल !
बेदख़ल दिल ने हमें कर दिया !!
मोहब्बत की परिभाषा बदली कभी की !
मोहब्बत को फ़ैशन का चलन कर दिया !!
दिल निकालकर हथेली पे रख दिया !
दिल का मेरे उसने सौदा कर दिया !!
दो रूहों का जो मिलन था कभी !
जिस्मानी भूख का निवाला कर दिया !!
जीने की तमन्ना अब है किसे !
मौत से भी बदतर जीवन कर दिया !!
दिल निकालकर हथेली पे रख दिया !
दिल का मेरे उसने सौदा कर दिया !!
लेखक = विपिन बंसल
Suryansh
11-Oct-2022 09:51 PM
Wahhhh Outstanding
Reply
Pratikhya Priyadarshini
10-Oct-2022 07:29 PM
Bahut khoob 🌺👍👌
Reply
Mahendra Bhatt
10-Oct-2022 10:15 AM
बहुत खूब
Reply