Priyanka06

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लेखनी कहानी -09-Oct-2022 भगत सिंह की जीवनी

शीर्षक-भगत सिंह की जीवनी

भगत सिंह के क्रांति वीर,
थी उनकी पूरे जहां मीर,
जब हुई फांसी की सजा,
नीर बहाया पूरा जहां।

27 मार्च 1907 को हुआ जन्म,
 लायलपुर जिला है स्थल,
पैतृक गांव में खटकड़ कला जगह,
किशन सिंह के थे वीर पुत्र,
विद्यावति के थे सपूत ।

आर्य समाजी सिख परिवार में था उनका नाम,
करतार सिंह सराभा के भाव,
लाला लाजपत राय के भाव,
इनके भाव किये भगत सिंह  प्रभावित,
13 अप्रैल 1919 को हुआ जलियांवाला बाग हत्याकांड,
भगत सिंह के बाल मन पर पड़ा  प्रभाव।

देख कर यह नरसंहार,
भगतबाल का हुआ मन तार-तार,
देख मानवीय कृत्य,
तब से ली भगत ने शपथ,
करा आऊंगा मैं भारत को स्वतंत्र।

भगत सिंह चंद्रशेखर आजाद का हुआ मिलन,
साथ मिलकर किया निर्माण,
क्रांतिकारी संगठन बनकर हुआ तैयार,
भगत सिंह ने बांधा कफन,
वतन के लिए बढ़ाए कदम,
कराना है अब वतन को स्वतंत्र।

केंद्रीय असेंबली में बम फेंकने की योजना,
पर नहीं करना था खून खराबा,
मकसद था उनको अंग्रेजों को डराना,
भगत सिंह ने भागने से किया मना,
चाहे मुझे मिले फांसी की सजा।

गुंजयमान था एक ही नारा,
इंकलाब जिंदाबाद, साम्राज्यवाद मुर्दाबाद,
भगत सिंह को कर लिया गिरफ्तार,
23 मार्च 1931 की शाम,
जीवन किया अपना बलिदान,
हंसते-हंसते देश के लिए किया त्याग,
फांसी के फंदे को किया स्वीकार।

भगत सिंह की कुछ बातें हम तुम्हें बताते,
भगत सिंह ने लिखी कुछ कृतियां,
भगत सिंह थे अच्छे वक्ता,
 भगत सिंह के काव्य रचयिता,
कवि के भी थे गुण गाथा।

लेखिका
प्रियंका भूतड़ा
महान पुरुषों से संबंधित प्रतियोगिता भाग-4

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7 Comments

Pratikhya Priyadarshini

10-Oct-2022 07:34 PM

Nice 👌👍

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Mahendra Bhatt

10-Oct-2022 10:18 AM

बहुत खूब

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बहुत ही जीवंत चित्रण किया है

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