लेखनी प्रतियोगिता -09-Oct-2022 आधुनिक रेल गाड़ी
शीर्षक-आधुनिक भारत की रेलगाड़ी
कोयले की थी रेलगाड़ी,
छुक छुक आवाज करती,
काला धुआं यह छोड़ती,
ऐसी थी यह रेलगाड़ी।
आज बदल रहा है मेरा भारत,
डीजल से चलती है रेलगाड़ी,
सरपट सरपट दौड़ती रेलगाड़ी,
एक स्थान से दूसरे स्थान हमें पहुंचाती।
आधुनिक युग में हुआ बदलाव,
मेट्रो ट्रेन का हुआ निर्माण,
छोटे शहरों में हुआ आवाम,
ऑफिसरकर्ता को हुआ आना-जाना आसान।
कुछ घंटों में नाप लेते,
कितने किलोमीटर की दूरी,
आना जाना हुआ आसान,
रेल सफर कर पाते आज।
रेल में होती है सुविधाएं,
महिलाओं के लिए होती सुरक्षाएं,
बिना डरे कर सकती यात्राएं,
कुछ भी सहनी नहीं पड़ती यातनाएं।
गरीब भी कर पाते मुसाफिरी,
कम पैसों की होती मात्राएं,
खुशी खुशी कर पाते यात्राएं,
समय पर हो जाता उनका सफर।
लेखिका
प्रियंका भूतड़ा
Suryansh
12-Oct-2022 05:11 PM
बहुत ही उम्दा और सशक्त रचना
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Pratikhya Priyadarshini
10-Oct-2022 07:33 PM
Bahut khoob 🌺👍👌
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Mahendra Bhatt
10-Oct-2022 10:17 AM
बहुत खूब
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