Sunita gupta

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दैनिक प्रतियोगिता हेतु स्वैच्छिक विषय लहरे

सागर की लहरे 
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मधुर गीत गाती है सागर की लहरें।
हवा संग आती है सागर की लहरें। 

मस्ती  में  उठती  हिलोरे  हर्ष कर
तटको छू जाती हैं सागर की लहरें । 

बन सीप में ओंस की बूंद अनुपम,
मोती बन जाती है सागर की लहरे । 

अनमोल निधियों को उर में समेटे 
किनारे पे लाती है सागर की लहरे । 

पूनम  का  चंदा  जब  मुस्कुराता,
गजब रोब ढाती है सागर की लहरे। 

सागर से मिलने को बहती है'सरिता'
गले से लगाती है सागर की लहरे। 

सुनीता गुप्ता'सरिता'कानपुर

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7 Comments

Suryansh

12-Oct-2022 07:54 PM

बहुत ही उत्कृष्ट और खूबसूरत bhav

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Supriya Pathak

11-Oct-2022 06:17 PM

Bahut khoob 💐👍

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Raziya bano

11-Oct-2022 09:43 AM

Shaandar

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