ज़िंदगी का सफर - 💞हमसफ़र के साथ💞 "भाग 7"
किआरा जाकर इवान की साइड वाली कुर्सी पर जाकर बैठ गई और खाना खाने लगी, सबने खाना खाया और फिर बारी बारी से सभी ने नेक दिया, दादी ने कंगन दिये, सुमित्रा जी और सुजीत जी ( इवान के पापा ) ने खानदानी हार दिया जो बड़ी बहु को दिया जाता है और पायल जी और अजय जी ( इवान के चाचा ) ने भी हार दिया
अब सभी बच्चों की बारी आई तो अध्विक, आरव, आध्या, और आन्या जल्दी से एक बड़ा सा फोटो फ्रेम लाई ओर उसे खोलने के लिए किआरा की तरफ इशारा किया तो किआरा ने जाकर उसे खोला और देखा तो किआरा के साथ साथ सभी हैरान के साथ साथ खुश भी हो गये क्योकि उस फोटो फ्रेम में किआरा और इवान ने वन्या और उत्कर्ष को अपनी गोद में लिया हुआ था और दोनो उन दोनो को प्यार से देख रहे थे, उत्कर्ष जो किआरा की गोद में था उसने किआरा की उंगली पकड़ी हुई थी और वन्या जो इवान की गोद में थी उसने वन्या की साड़ी का छोर पकड़ा हुआ था और दोनो एक टक टुकुर टुकुर चेहरे पर प्यारी सी स्माइल लिए हुए किआरा को देख रहे थे
किआरा उस फोटो को देखकर इमोशनल हो गई और उन चारो को थैंक्यू बोलते हुए बोली
किआरा ( नम आँखों से ) :- थैंक्यू, थैंक्यू सो मच आप सभी को इतना प्यारा गिफ्ट देने के लिए, ये सबसे बेस्ट गिफ्ट है 😢😊
आध्या :- आपको पसंद आया ये तो हमारे लिए बहुत अच्छी बात है भाभी हमारी मेहनत सफल हो गई
आन्या, आरव और अध्विक :- सच कहा आध्या ने भाभी हमारी मेहनत सफल हो गई, आपको पसंद आया तोहफा
सुमित्रा जी :- लेकिन तुमने ये सब कब किया और ये फोटो ?🤔
आरव :- बड़ी माँ ये सब हमने कल शाम को ही करवाया
आन्या :- हाँ और ये फोटो जब भाई भाभी वन्या और उत्कर्ष को सुला रहे थे कंकन की रश्म के समय तब आध्या ने फोटोग्राफर से बोलकर खींचवा ली थी
आध्या :- हा फिर बस अध्विक भैया ने इस फोटो को फोटोफ्रेम करवाने को बोल दिया
अध्विक :- यस फिर हमने सोचा की आज भाभी की पहली रसोई की रश्म होगी हम तभी ये तोहफा उनको देंगे😊
आरव :- कैसा लगा ये तोहफा आप सबको बड़ी माँ, दादी, माँ, पापा, बड़े पापा, इवान भैया और किआरा भाभी, बताइये ना कैसा लगा
सुमित्रा जी :- बहुत अच्छा लगा बेटा
पायल जी :- हा बच्चों सुपर बेस्ट है
दादी :- हा हम सबके तोहफ़े से ज्यादा अच्छा है
सुजीत जी और अजय जी :- बहुत अच्छा है बेटा
ये सुनकर चारो खुश हो गये, फिर इवान की तरफ दरखा तो वो भी मुस्कुरा कर बोला
इवान :- बहुत अच्छा तोहफा है तुम्हारा, सबसे बेस्ट
ये सुनकर वो सब फिर खुश हो गये फिर आरव इवान के पास आया और उसका हाथ पकड़कर बोला
आरव :- भैया आपने तो भाभी को कोई गिफ्ट नहीं दिया आप नही देंगे क्या भाभी को गिफ्ट🤔
ये सुनकर सभी इवान की तरफ देखने लगे तो इवान को समझ ही ना आया वो क्या बोले क्युकी सच तो यही था की उसने कोई गिफ्ट लिया ही नहीं था किआरा के लिए इसलिए उसने अपनी ऊँगली में पहनी हुई रिंग निकाली और किआरा के पास जाकर उसे देते हुए बोला
इवान :- मैं गिफ्ट लेना भूल गया, अगर आपको एतराज़ ना हो तो आप ये ले लीजिये
ये सुनकर किआरा ने अपना हाथ बढ़ा दिया तो इवान उसकी तरफ देखने लगा और मन मे सोचने लगा ( माँ ने सच कहा था इनके दिल मे कोई खोट नहीं है बरना इनकी जगह कोई और लड़की होती तो शायद पहनी हुई अंगूठी ना लेती पर ये, बिना कुछ कहे ही हाथ आगे बढ़ा दिया
सच कहा था माँ ने इनके लिए पैसों से ज्यादा दिल के रिश्ते जरूरी है
" रिश्तो की चमक को किसी गहने की चमक से ना तोलना
ये अनमोल होते है
दिल के रिश्तो को दौलत से ना तोलना
ये बेजोड़ होते है " )
इवान किआरा के हाथ में अंगूठी देने लगा तो दादी ने उसे टोका और बोली
दादी :- इवान बेटा बहु को अंगूठी दे ही रहा है तो उसके हाथ में क्यू दे रहा है उसकी ऊँगली में पहना दे ये शादी जल्दी जल्दी मे हुई तो सगाई भी ना हो सकी इस बहाने सगाई भी हो जाएगी
किआरा और इवान ने एक दूसरे की तरफ देखा और फिर नजरें चुराकर इधर उधर देखने लगे तो सुमित्रा जी भी दादी की हाँ मे हाँ मिलाते हुए बोली
सुमित्रा जी :- सही कहा माँ आपने, इसी बहाने इन दोनो की सगाई भी हो जाएगी, रुकिए मैं एक अंगूठी और लाती हू
इतना बोलकर सुमित्रा जी अपने रूम मे चली गई तो अध्विक भी ये कहते हुए निकल गया की में कैमरा लेकर आता हू फोटो खीचने के लिए ।
थोड़ी देर मे सुमित्रा जी एक डब्बी के साथ आई तो अध्विक कैमरे के साथ ।
सुमित्रा जी ने अंगूठी किआरा के हाथ मे दी और बोली
सुमित्रा जी :- चलो बेटा पहनाओ अंगूठी एक दूसरे को, किआरा बेटा पहले तुम पहनाओ और इवान चलो अपना हाथ आगे करो
सुमित्रा जी ने कहा तो इवान ने अपना हाथ आगे कर दिया लेकिन उसकी रिंग फिंगर मे आलरेडी एक रिंग थी जो उसे अनु ( इवान की पहली पत्नी ) ने पहनाई थी, उस रिंग को देख सब एक दूसरे की तरफ देखने लगे फिर किआरा की तरफ देखकर ये सोचने लगे की कही किआरा को बुरा ना लगा हो ये देखकर, लेकिन किआरा ने कुछ रियेक्ट नहीं किया, इवान उस रिंग को उतारने लगा तो किआरा बोली
किआरा ( धीरे से ) :- रहने दीजिये आपको तकलीफ होगी इसे निकलकर क्युकी ये आपको अनु जी ने पहनाई थी, आप दूसरा हाथ दे दीजिये मैं उसमे पहना देती हू
इवान :- नहीं मुझे इसे निकलना ही होगा भले ही इसे निकलते समय मुझे तकलीफ होगी, लेकिन जब मैं लाइफ में आगे बढ़ ही रहा हू तो पूरे मन से बढ़ूंगा यु बीच मजधार में खड़ा होने से शायद मेरे साथ साथ आपको और सभी परिवार वालों को तकलीफ होगी, और मैं ये नहीं चाहता की कोई भी मेरी बजह से दुखी हो, इसलिए मुझे ये करना ही होगा
किआरा इवान की बात सुन नम आँखों से उसे देखने लगी जिसे अपनी रिंग को उतारते हुए दर्द तो हो रहा था लेकिन सभी घरबालो के लिए अपने दर्द को छुपा कर मुस्कुरा रहा था, इवान ने रिंग उतरी तो सभी मुस्कुरा दिये ये सोचकर की इवान अपनी ज़िंदगी मे आगे बढ़ गया है
इवान ने अपना हाथ किआरा के सामने कर दिया तो किआरा ने उसकी ऊँगली मे रिंग पहना दी फिर इवान ने भी जो रिंग अपनी ऊँगली से उतारकर किआरा को दे रहा था वो उसने किआरा की रिंग फिंगर में पहना दी, सभी ने तालिया बजाई और अध्विक ने उनके इस मोमेंट को कैमरे मे कैद कर लिया ।
To be continued.................
Prashant Chouhan
11-Nov-2022 06:13 PM
Nice chapter 😍
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Miss Chouhan
11-Nov-2022 11:17 AM
Nice story 😊😊😊
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Priyanka Rani
13-Oct-2022 06:16 PM
Beautiful
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