Priyanka06

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लेखनी कहानी -13-Oct-2022 मेरी माता का रूप

शीर्षक-मेरी माता का मनमोहक रूप
विधा- भजन

तू ही अंबे ,तू ही भवानी....
तू ही जगत की कल्याणकारी...
कहलाती मैया जगदंबाकारी...

लाल लाल है चुनरी ,
माथे की चमके बिंदी,
लगी है  माता सुंदरी.....

तू ही अंबे तू ही भवानी...
तू ही जगत कल्याणकारी.....

सुख शांति की देवी,
त्रिशूर हाथ में धारित,
दुष्टों को संघारती....

तू ही अंबे तू ही भवानी...
तू ही जगत कल्याणकारी.....

जो भी करी मैया की आरती,
सब दुखों से हमें तारती,
बनती मैया हमारी सारथी...

तू ही अंबे तू ही भवानी...
तू ही जगत कल्याणकारी....

लाल लाल चुनरी ओढ़े,
माता हमारी बहुत शोभे,
मुखड़ा सबके मन को मोह ....

तू ही अंबे तू ही भवानी...
तू ही जगत कल्याणकारी....

करती सिंह सवारी,
नयन बड़े मदमाती,
रुप माता का अद्भुतकारी...

तू ही अंबे तू ही भवानी...
तू ही जगत की कल्याणकारी...
कहलाती मैया जगदंबाकारी....

लेखिका
प्रियंका भूतड़ा

नॉनस्टॉप प्रतियोगिता2022 भाग 27

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4 Comments

Raziya bano

14-Oct-2022 03:59 PM

Shaandar

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Muskan khan

14-Oct-2022 03:38 PM

Well done ✅

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Sachin dev

14-Oct-2022 03:26 PM

Nice 👌🏻👌🏻

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