धूप
धूप छाँव से सजी जिन्दगी
उतार चढ़ाव में बसी जिन्दगी
सुख ही मिले ऐसी झूठी आस है
सुख दुःख तो रहते पास पास हैं
उम्र के हर पडाव पर
ख़्वाहिशों की लगी कतार हैं
हर मोड़ पर बिखरे अंगारे
तेज चलने में जो मददगार हैं
कीमत बढी तभी ,जब पाँव में पडे छाले हैं
जिन्दगी के कईं राज मेहनत से खोले हैं
सूरज की किरणों से मिली हमें सीख यहीं
दूर जाता वही ,जो जला पहले कहीं
जीवन भंवर में फंसी हमारी नाँव है
आती रहती कभी धूप तो कभी छांव है ...!!!
🎈🎈🎈...🎈🎈🎈... SAPNA....🎈🎈🎈.......🎈🎈🎈
Swati chourasia
25-Aug-2021 05:18 PM
Very beautiful 👌👌
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Sapna shah
26-Aug-2021 05:12 AM
Thanks
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उदय बीर सिंह
25-Aug-2021 04:46 PM
बहुत ही सुन्दर
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Sapna shah
26-Aug-2021 05:12 AM
Thanks
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Ravi Goyal
25-Aug-2021 04:42 PM
Waah bahut khoob 👌👌
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Sapna shah
25-Aug-2021 04:45 PM
Thank u sir 🙏
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