मेरा जीवन साथी ( हमराही)

*प्रतियोगिता*
विषय:- हमराही
शीर्षक:-  मेरा जीवन साथी
विधा:- कविता

मेरा जीवन- मेरा साथी, 
      इस जीवन का सार है। 
क्षणभर अलग हुआ तो, 
       लगता सूना सब संसार है।
मेरी आत्मा मेरा आत्मबल,
       मेरा जीवन साथी है। 
हम दोनों हैं मानों ऐसे, 
    जैसे दीया और बाती है। 
मेरा तन मन धन जीवन वह, 
        मेरा स्वाभिमान है। 
मुझे भाग्य से मिला है मानो, 
      ईश्वर का वरदान है । 
मेरे जीवन की बगिया का, 
      मीत मुक्मल  माली है। 
मेरे सुष्मिता सुमनों की जो, 
    करता नित रखवाली है। 
कभी सोचता हूं जीवन में , 
    अगर कहीं ना वह होती। 
कैसा होता यह घर मेरा,
       हों कैसे हीरा मोती।
नहीं चाहिए जग की दौलत,
     मेरा साथी साथ रहे । 
यही काम हिये विनोदी, 
     सदा हाथ में हाथ रहे। 

के एल सोनी विनोदी 
महाराजपुर जिला छतरपुर

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7 Comments

Suryansh

20-Oct-2022 07:09 AM

लाजवाब लाजवाब

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बहुत ही सुंदर सृजन और अभिव्यक्ति एकदम उत्कृष्ठ

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Swati chourasia

16-Oct-2022 12:06 AM

वाह बहुत ही बेहतरीन रचना 👌👌👌👌👌👌

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