कर्मफल

कर्मफल


जीवन की इस राह में कर्मफल की बेल
मेहनत तू करता चल बाकी किस्मत का खेल
कर्म बिना गति नहीं, कह गए संत सुजान
पुरुषार्थ करने के लिए निज तन में फूंके प्राण।

कर्महीन जो लोग हैं करते सदा प्रलाप
किस्मत को हैं कोसते जीवन में संताप
जीते सदा अभाव में दें दुनिया को दोष
मेहनत से कतरा रहे लखें ना अपना रोग।

अकारथ जाएगा नहीं जीवन का कोई काम
रस्सी के घिसने से ज्यों सिल पर पड़ें निशान

कर्म करें तो मिलेगा सदा उसका पुण्य प्रताप
उसके घर में देर सही पर होगा नहीं कभी घात।।

आभार – नवीन पहल – १७.१०.२०२२ 🙏🙏

# प्रतियोगिता हेतु 

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10 Comments

Palak chopra

18-Oct-2022 11:10 PM

Bahut khoob 💐🙏🌺

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Supriya Pathak

18-Oct-2022 09:10 PM

Achha likha hai 💐

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Mahendra Bhatt

18-Oct-2022 12:58 PM

बहुत खूब

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