Sunita gupta

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दैनिक प्रतियोगिता हेतु स्वैच्छिक विषय वीर रस

आल्हा छंद/वीर रस

भारतीय सांस्कृतिक सनातन, यही विश्व का सर्व महान।
यह अनंत इतिहास पुरातन, प्रिय सर्वोत्तम मानव ज्ञान।
इसके रचनाकार मनीषी, ऋषि मुनियों का  यह विज्ञान।
घोर तपस्या का शुभ फल है, अति मनमोहक वृत्त पुरान।।

यह प्रासंगिक सदा रहेगा, इसका मूल रूप पहचान।
परम हितैषी यह जीवों का, सबमें देखे शिव भगवान।
मानववादी घोर अहिंसक, इसको सच्चाई का भान।।
प्रेम किया करता कण कण से, चींटी हाथी एक समान।।

करुणावादी समतावादी, सहज शांति रस का संज्ञान।
प्रेम परस्पर सत्य प्राथमिक, शिष्टाचार अमित रसखान।
द्वेष भाव को ठोकर मारे, गढ़ता है पावन इंसान।
अधिवक्ता यह नैतिकता का, इसमें स्वाभिमान सम्मान।
सुनीता गुप्ता कानपुर 

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6 Comments

बहुत ही सुंदर सृजन

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Renu

18-Oct-2022 11:44 PM

Nice 👍

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Palak chopra

18-Oct-2022 11:08 PM

Very nice 👍🌺💐

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