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होली
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होली हमारे देश में सभी धर्मों के लोगों के कई प्रमुख त्यौहार हैं हिंदू धर्म के लोग भी प्रति वर्ष दीपावली दशहरा रक्षाबंधन होली आदि त्योहार मनाते हैं होली रंगों हर्ष और उल्लास का त्यौहार है। इसकी मनाने का त्यौहार समय यह तो हार बसंत ऋतु में फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है।
इसके मनाने का कारण कहा जाता है कि भक्त प्रहलाद ईश्वर का परम भक्त था प्रहलाद का पिता हिरण्यकश्यप नास्तिक था उसने प्रहलाद को ईश्वर की भक्ति से रोकना चाहा परंतु प्रहलाद निरंतर ईश्वर का नाम लेता रहा हिरण्यकश्यप अतः रुष्ट होकर हिरण्यकश्यप ने प्रहलाद को अनेक प्रकार के दंड दिए। हिरण्यकश्यप के अत्याचारों से पहलाद का बाल भी बांका ना हुआ अंत में हिरण्यकश्यप की बहन होलका अपनी गोद में प्रहलाद को बैठाकर जलती चिता में बैठ गई ईश्वर की कृपा से होलका तो जलकर राख हो गई परंतु प्रहलाद बच गया इस पौराणिक घटना के प्रतीकात्मक रूप में ही होली का त्यौहार मनाया जाता है। इसके बनाने का ढंग पूर्णिमा के दिन एक निश्चित स्थान पर ईंधन का ढेर दोपहर में स्त्रियों द्वारा इसकी पूजावा परिक्रमा निश्चित समय पर आग लगाना आग में जोकि वाले भूलना लोगों का परस्पर गले मिलना अगले दिन रन खेलना गुलाल लगाना पकवान मिठाइयां खाना टोलियां बनाकर नाचना साईं काल घर-घर जाकर गले मिलना।
दोस्त के दोष इस प्रकार है कि रंगों के स्थान पर काली स्याही रोगन का प्रयोग कीचड़ गंदगी फेंकना पानी के गुब्बारे मारना नालियों या गड्ढों में धकेलना प्रेम हर्ष व भाईचारे के त्यौहार का दुश्मनी नफरत या हिंसा के त्यौहार में बदलना।
यह प्रसन्नता उल्लास उत्साह उमंग प्रेम वासवाद का त्यौहार है एकता व भाईचारे में वृद्धि अतः प्रेम हादसे अच्छी प्रकार मनाया जाना चाहिए
थोड़ा सा और भाग बताती हूं मैं की भारतवर्ष त्योहारों का देश है यहां वर्ष भर में कई त्यौहार मनाए जाते हैं भी त्यौहार नाके भारत की सभ्यता एवं संस्कृति की झलक देते हैं बल्कि जन जन का मन नव स्फूर्ति एवं चेतना से भरते हैं।
भारत में नई स्फूर्ति लाने वाला त्योहार है होली इसे रंगों का त्योहार भी कहते हैं यह प्रेम और एकता को बढ़ाने वाला त्योहार पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है। बसंत ऋतु मेरे तीनों को राजा कहते हैं इस ऋतु में ना अधिक सर्दी होती है ना अधिक गर्मी प्रकृति में चारों ओर मनोरम सुंदरता होती है खेतों में सरसों के पीले फूलों को देखकर लगता है कि धरती माता पीले रंग की साड़ी उड़े हो सरोवर में खिले श्वेत कमल आंखों को बड़े मनमोहक लगते हैं वन उपवन सभी रंग बिरंगे फूलों से सुशोभित होते हैं फूलों पर घरों के गुंजन से सारा वातावरण गुंजायमान हो जाता है ऐसे मौसम में होली का त्यौहार जन-जन में हर्ष एवं उल्लास की भावना भर देता है।
ऐसे वातावरण में फाल्गुन मास में होली का त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है इस त्यौहार का धार्मिक महत्व है कहा जाता है कि दाना नरेश हिरण्यकश्यप टूर एवं अत्याचारी राजा था उसके डर के कारण लोग उसे भगवान की तरह पूछते थे उसका एक पुत्र था जिसका नाम था प्रहलाद विष्णु भक्त था मैं अपने पिता से भयभीत नहीं होना नहीं होता था अपने प्रहलाद को मारने के लिए कई प्रयास किए परंतु अंत में अपनी बहन को आना चाहते थे क्योंकि इतना होने पर भी आ गए हैं जाको राखे साइयां मार सके ना कोई तभी से यह त्यौहार की जीत का प्रतीक है।
होली के पर्व के 1 सप्ताह पूर्व होली का पेड़ एक स्थान पर खड़ा किया जाता है इसे रंगीन कपड़े की कतरन हो हो या कागज की डंडियों से सजाया जाता है इसके चारों ओर सूखी लकड़ियां तथा करने लगाए जाते हैं होली की पूर्व संध्या पर होली का पूजन किया जाता है और रात्रि में उचित समय पर आग जलाई जाती है इस आग में गेहूं की वाले भी डाली जाती हैं।
रात भर खूब नाच गाना होता है होली के गीत गाए जाते हैं सुबह होने पर बच्चे बूढ़े और जवान सभी एक दूसरे पर रंग लगाकर अपने आपसी प्रेम को प्रदर्शित करते हैं लोग एक दूसरे के गले मिलते हैं और गुलाल लगाते हैं सब और खूब हंसी मजाक शोर शराबा रहता है मथुरा की होली खूब प्रचलित है रंग डालने वालों को लोग गुजिया मिठाई खिलाते हैं कुछ लोग इस दिन मादक वस्तुओं शराब का प्रयोग करती है ऐसा करना गलत है इससे तो हार की गरिमा को ठेस पहुंचती है।
होली का यह त्यौहार लोगों लोगों के मन में हर्ष एवं उल्लास की भावनाओं को भर देता है इस अवसर पर लोग आपसी भेदभाव को छोड़कर आपसे प्रेम और सौहार्द भावना को उत्पन्न करते हैं अतः प्रेम और एकता को बढ़ाने वाले इस त्योहार को हर वर्ष बड़ी धूमधाम से मनाना चाहिए।
सुनीता गुप्ता कानपुर उत्तर प्रदेश ।
Gunjan Kamal
09-Nov-2022 01:34 PM
शानदार
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आँचल सोनी 'हिया'
20-Oct-2022 12:37 AM
Bahut khoob 🙏🌺
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Palak chopra
18-Oct-2022 11:06 PM
Very nice 👍🌺💐
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