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विजयदशमी)
//////////////////////दशहरा दशहरा को ही विजयदशमी कहते हैं त्योहारों का जीवन में महत्व क्यों कब कैसे माना जाता है त्यौहार या पर्व का मनुष्य के जीवन में विशेष महत्व है त्योहार मनुष्य में उत्साह आनंद नव स्फूर्ति और चेतना जागृत करते हैं भारत में भी अनेक त्योहार मनाए जाते हैं एक धर्म प्रधान देश होने के कारण भारत के प्रत्येक त्यौहार में किसी न किसी रूप में धर्म भावना अवश्य में देखने को मिलती है। देशहरा भी एक ऐसा त्यौहार है जिसका धार्मिक सांस्कृतिक तथा सामाजिक महत्व है। यह अश्वनी मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को समस्त भारत में बड़ी श्रद्धा और उमंग से मनाया जाता है इसलिए इसका नाम दशहरा या विजयदशमी है।
दशहरा सत्य पर असत्य और बुराइयों पर अच्छाइयों की विजय का पर्व है इस दिन श्री रामचंद्र जी ने लंका के राजा रावण का वध करके विजय प्राप्त की थी इसी घटना की याद में यह पर्व मनाया जाता है सिंह वाहिनी दुर्गा भवानी ने भी नवरात्रों में ही महिषासुर और शुभ निशुंभ दानवों का संहार किया था शारदीय नवरात्रों में दशमी तिथि से पहले 9 दिन देवी की पूजा होती है और उपवास रखा जाता है बंगाल में दुर्गा पूजा बड़ी श्रद्धा और प्रेम के साथ मनाया जाता है और दशहरे के दिन दुर्गा जी की प्रतिमाओं को नदी सरोवर या सागर में विसर्जित किया जाता है।
यह त्यौहार वर्षा ऋतु की समाप्ति पर मनाया जाता है अतः किसी न किसी रूप में यह रितु से जुड़ा त्यौहार की है प्राचीन समय में वर्षा ऋतु में प्राय सभी वर्गों के लोग अपनी अपनी यात्रा स्थगित कर देते थे और एक स्थान पर ही रहा करते थे। शरद ऋतु में जब आकाश कुछ हो जाता है तो व्यापारी वर्ग व्यापार के लिए, सन्यासी वर्ग धर्म उपदेश के लिए और क्षत्रिय वर्ग अस्त्र-शस्त्र तैयार कर अपने विजय अभियान के लिए निकल पड़ते थे इससे पहले भी 9 दिन तक पूजा पाठ करते थे दशहरा क्षत्रियों का यहक्षात्र तेज का प्रतीक त्योहार भी कहा गया है। इस दिन शस्त्रों की पूजा होती है और शस्त्रागार ओं की सफाई आदि की जाती है व्यापारी नए भाई खातों की शुरुआत करते हैं और उनकी पूजा करते हैं ब्राह्मण वर्ग अपने ग्रंथों की पूजा करता है उत्तर भारत में यह त्यौहार विशेष रूप से बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन पहले से ही गांव गांव शहर शहर में रामलीला का मंचन होता है बड़े-बड़े मैदानों में मेला लगता है और रावण कुंभकरण तथा मेघनाद के बड़े-बड़े पुतले खड़े किए जाते हैं दशहरे के दिन शाम को राम द्वारा वार्ड के द्वारा रावण के वध की लीला का मंचन होता है और उसके प्रतीक स्वरूप इन पुत्रों को जलाया जाता है आतिशबाजी होती है और इस प्रकार बुराई का अंत और राम के आदर्शों की विजय होती है। लाखों की संख्या में लोग यह दृश्य देखते हैं बच्चों के उत्साह का तो कोई अंत नहीं होता राम के जीवन की लीलाएं और आदर्श उनके हृदय में अनेक गुणों की छाप अंकित कर देते हैं इस प्रकार मैं पुणे फिर एक बार से बताती हूं हमारा देश त्योहारों का देश है यहां अनेक त्यौहार मनाए जाते हैं उनमें से कुछ हमारे राष्ट्रीय त्योहार है और कुछ सामाजिक त्योहार 15 अगस्त 2 अक्टूबर 26 जनवरी हमारे राष्ट्रीय त्योहार हैं इन त्योहारों को संपूर्ण राष्ट्र बनाता है सामाजिक पर्वों को लोग अपनी अपनी श्रद्धा व विश्वास के अनुसार मनाते हैं होली रक्षाबंधन विजयदशमी जन्माष्टमी ग्रुप और हमारे सामाजिक पर्व हैं इनमें विजयदशमी हिंदुओं का पवित्र पर्व है जिसे सभी लोग अपूर्व उल्लास और उमंग के साथ मनाते हैं। विजयदशमी का त्यौहार अश्वनी मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है कहा जाता है कि हर वर्ष पहले इसी दिन भगवान श्री रामचंद्र जी ने लंकापति रावण का वध किया था वह सत्य की असत्य पर न्याय के अन्याय पर और प्रकाश की अंधकार पर विजय थी तभी से लोग इस पर्व को विजयदशमी के रूप में मनाते चले आ रहे हैं इस पर्व को मनाने के पीछे भारतीय संस्कृति का यह है मूल मंत्र सत्यमेव जयते छिपा हुआ है। भारतीय संस्कृति सदैव इस बात को मनाती आई है कि जय जय सत्य की ही होती है अन्याय और मीठा चारी चाहे कितना भी शक्तिशाली क्यों ना हो एक दिन उसे पराजित होना ही पड़ता है श्री राम की रावण पर विजय भी इसी बात की द्योतक है की अनंत है सत्य न्याय सदाचार और नैतिकता की विजय होती है विजय दशमी की तोहार को मना कर हम सत्य न्याय सदाचार नैतिकता और जीवन मूल्यों के प्रति अपनी आस्था एवं प्रतिबद्धता प्रकट करते हैं।
विजयदशमी का त्यौहार समस्त भारत में श्रद्धा उल्लास और उत्साह के साथ मनाया जाता है इस त्यौहार की चहल-पहल और तैयारियां कई दिन पहले से ही शुरू हो जाती हैं लगभग प्रत्येक गांव कस्बे और नगर में रोज रात को मर्यादा पुरुषोत्तम राम चंद्र के उज्ज्वल चरित्र की झांकी दिखाई जाती है इसे रामलीला कहते हैं सारे भारत में रामलीला ओं का व्यापक प्रचलन है इन रामलीला को देखने के लिए श्रद्धालु नर नारी बड़ी संख्या में रामलीला स्थलों पर एकत्र होते हैं यह रामलीला एक राय रोज 24:00 के बाद चलती हैं और संभाग से इनकार लेते रहते हैं इन रामलीला में काम करने वाले कलाकार कहीं बाहर से नहीं आते वरन वे स्थानीय ही होते हैं परंतु श्रद्धालु उन्हीं में राम-सीता आदि के दर्शन करते हैं।
दशमी के दिन किसी विशाल मैदान में रावण कुंभकरण और मेघनाद के पुतले खड़े किए जाते हैं इस अवसर पर वहां 1 दिन मेला भी लगता है इस मेले में हजारों नर नारी और बच्चे भाग लेते हैं संध्या समय रावण कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतलों पर श्री राम जलते हुए अग्निबाण छोड़ते हैं और वे धू-धू करके जल उठते हैं पुत्रों के पटाखे की आवाज करते हुए टूटते हैं तो दर्शकों को खूब मजा आता है।
दसवीं से पहले 9 दिन तक दुर्गा पूजन का आयोजन चलता है इन दिनों में श्रद्धालु जन जल ग्रहण नहीं करते इन 9 दिनों को नवरात्रि के नाम से जाना जाता है।
दसवीं से पहले 9 दिन तक दुर्गा पूजन का आयोजन चलता है इन दिनों में श्रद्धालु जन अन्य ग्रहण नहीं करते इन 9 दिनों को नवरात्र के नाम से जाना जाता है विजयदशमी का त्यौहार हमारे जीवन विशेष महत्व रखता है यह सत्य की असत्य पर बुलाई की बुराई पर न्याय की अन्याय पर विजय का प्रतीक है यह पर्व हमारे मन को आस्था और विश्वास को दर्द करता है और मनुष्य में इस बात का विश्वास मन करता है कि परिस्थितियां चाहे कितनी भी प्रतिकूल क्यों ना हो अंत में सच्चा और ईमानदार व्यक्ति ही विजयश्री का वरण करता है आज चाहे चारों ओर अंधेरा हो पर वह हमेशा नहीं रहता एक दिन वह छोटा जरूर है और उसके स्थान पर चारों ओर प्रकाश ही प्रकाश विकीर्ण हो जाता है यह पर मनुष्य को आस्थावान दृढ़ निश्चय सत्य निष्ठा और कष्ट सहिष्णु बनाता है।
विजयदशमी राष्ट्रीय एकता और भाईचारे का त्योहार है हमें इस दिन यह प्रतिज्ञा करनी चाहिए कि हम आसपास के सभी लोगों के साथ सौहार्द्र और मित्रता बनाए रखेंगे और अपने आप को प्रकाश का ऐसा केंद्र बनाएंगे जो दूसरों को सत्य निष्ठा ईमानदार देशभक्त और नैतिक बनाने की प्रेरणा दें तभी इस त्यौहार को मनाना सार्थक है।
इस प्रकार हर्ष उल्लास के वातावरण में यह त्यौहार संपन्न होता है यह त्यौहार हमें शिक्षा देता है कि अत्याचारी आचार्य का सदा अंत होता है अन्याय और सत्य की ही जीत होती है हमें अपने जीवन से असत्य को हटाकर सत्य को ही अपनाना चाहिए और अनाचार का डटकर मुकाबला करना चाहिए।
सुनीता गुप्ता कानपुर उत्तर प्रदेश।
Renu
20-Oct-2022 09:22 PM
Nice
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Raziya bano
20-Oct-2022 05:04 PM
Bahut khub
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आँचल सोनी 'हिया'
19-Oct-2022 11:57 PM
Shaandar prastuti kiya hai aapne 🌺💐
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