ज़िंदगी का सफर - 💞हमसफ़र के साथ💞 "भाग 12"
दर्श पलटकर जाने लगा की किआरा ने उसे रोकते हुए रुको कहा ।
किआरा की आवाज सुन दर्श रुक गया उसे लगा किआरा ने उसकी चोरी पकड़ ली है तो वो घबरा गया और अटकते हुए बोला
दर्श :- क.... क्या हुआ दी आप.... आपने मुझे क्यू रोका दी
किआरा ( हस्ते हुए ) :- अरे दर्श आप हड़बड़ा तो ऐसे रहे है जैसे हमने आपकी कोई चोरी पकड़ ली हो, आप घबराइये मत हम तो आपको युही बुला रहे थे, आइये साथ बैठकर बाते करते है
तन्वी ( चहककर सभी से ) :- अभी तो सिर्फ बाते फिर रात को सभी अंताक्षरी खेलेंगे डन
किआरा, दर्श और आध्या एक साथ :- डन डना डन डन डन😂
इतना बोलकर चारो हस पड़े और एक दूसरे की खिचाई करने लगे, लेकिन आध्या दर्श के वहा होने से असहज हो रही थी ओर ज्यादा बाते नहीं कर रही थी, ये बात दर्श ने भी नोटिस कर ली थी इसलिए वो छत पर मिलते है दी बोलकर अपने रूम में चला गया था, आध्या ने उसे जाते हुए देखा तो पता नहीं क्यू पर उसे अच्छा नहीं लगा ।
थोड़ी देर और बाते करने के बाद तीनो ने आराम किया फिर रात को डिनर करके छत पर जाने की प्लानिंग बनाने लगी ।
तन्वी ने ऊपर बने एक बड़े से कमरे में उनके बैठने के लिए गद्दे बिछा दिये थे और कम्बल भी रख दिये थे, रूम का हीटर भी ऑन कर दिया था जिससे रूम उनके आने तक गरम हो जाए और कुछ स्नैक्स और कॉफ़ी और चाय का इंतेज़ाम किया था क्युकी सर्दी का मौसम था तो उस सर्दी से राहत पाने के लिए यही काम आने वाली थी ।
किआरा वन्या और उत्कर्ष को अकेले नहीं छोड़ना चाहती थी इसलिए किआरा दोनो बच्चों को लेकर टेरिस पर चली गई तो तन्वी वन्या ओर उत्कर्ष का सामान ले जाते हुए आध्या से बोली
तन्वी :- आध्या अगर आपको कोई प्रॉब्लम ना हो तो क्या आप दर्श भाई को बुला लायेगी प्लीज, देखिये मैं ही चली जाती लेकिन मुझे अभी कुछ सामान ऊपर रखना है इसलिए प्लीज आप चले जायेंगे 😰
आध्या :- तन्वी आप प्लीज मत कहिये मैं चली जाउंगी
तन्वी :- थैंक्यू आध्या, वो सामने से राइट मैं भाई का रूम है आप बुला लाइये तब तक मैं ये सब रखकर आती हु
इतना बोलकर तन्वी चली गई तो आध्या अपने धड़कते दिल के साथ दर्श के रूम की तरफ चली गई, उसने जाकर गेट नॉक किया तो अंदर से कोई आवाज नहीं आई, उसने हल्के से दरवाजा फिर नॉक किया तो इस बार दरबाजा खुल गया, उसने गेट खोलकर अंदर जाकर देखा तो दर्श रूम में नहीं था, आध्या ने अपने हाथ में ली हुई घड़ी जो की दर्श की थी उसे बेड पर रख ही रही थी की तभी वाशरूम का दरवाजा खुला ओर दर्श बाहर आया, उसने आध्या को रूम में देखा ओर हड़बड़ाते हुए बोला
दर्श :- आप यहां क्या कर रही है, आपको कुछ काम था क्या
आध्या :- जी नहीं वो तन्वी ने आपको बुलाने के लिए भेजा था, हम सभी ऊपर जा रहे है
इतना बोलकर तन्वी जाने लगी की उसका पेर नीचे बिछे कारपेट में फस गया और वो गिरने लगी, दर्श ने उसे गिरते हुए देखा तो फ़ौरन आगे बढ़ कर उसका हाथ थामना चाहा लेकिन उसका भी पेर कारपेट में फसा और वो आध्या के साथ जाकर बेड पर गिर गया, लेकिन इन सब में अचानक दर्श आध्या के ऊपर गिरा और एकदम से उसका चेहरा आध्या के चेहरे एक दम करीब आ गया लेकिन उसके हाथ की टेक लगाकर खुद को रोक लिया, उन दोनो के चेहरे के बीच बस 1 इंच का फासला रह गया था
इन सब से अंजान आध्या अपनी आँखे कश्कर बंद किये हुए थी, लेकिन तभी आध्या थोड़ी सी हिली ओर और दर्श ने जो 1 इंच का फासला रोका हुआ था वो भी उसके हिलने से टूट गया जिसके कारण दर्श के होंठ सीधे आध्या के होठो से जा मिले और दर्श और आध्या की आँखे हैरानी से बड़ी बड़ी हो गई
दोनो ही इस अप्रत्याशित घटना से हड़बड़ा गये और जल्दी से खड़े होकर इधर उधर देखने लगे, दर्श ने कुछ कहना चाहा उससे पहले ही आध्या वहा से जाने लगी थी तो दर्श ने उसका हाथ पकड़ कर अपने पास खींच लिया जिससे आध्या के दोनो हाथ दर्श के सीने पर चले गये, दर्श आध्या को अपनी बाहों के घेरे मे भरते हुए उसके कान के पास जाकर धीरे से बोला
दर्श :- क्या मैं उस खूबसूरत खता को फिरसे कर सकता हु🥰
आध्या ( हैरानी से ) :- कोनसी खता
दर्श :- वही जो अभी अभी थोड़ी देर पहले हुई😊
आध्या ( हड़बड़ा कर ) :- क्यू.........
दर्श :- बिकॉज़ आय लव यू..... ये मैने तुमसे पहली बार नहीं जाने कितनी बार कहा है लेकिन हर बार मुझे तुम्हारी तरफ से सिर्फ खामोशी ही मिली है जबाब में, प्लीज एक बार तो कह दो ना आध्या की तुम भी मुझसे प्यार करती हो, एक साल से तुम्हारी हाँ का इंतज़ार कर रहा हु पर ना तुम हाँ कहती हो और ना ही मना करती हो, ना मुझसे खुद के करीब आने से रोकती हो और ना ही खुद करीब आती हो, मैं तुम्हारी इस चुप्पी को क्या समझू, हाँ या ना🤔
आध्या कुछ कहने के लिए पलटी ही थी की तभी उन्हे तन्वी की आवाज सुनाई दी जो उन दोनो को बुला रही थी, दोनों जल्दी से एक दूसरे से अलग हुए और फिर बाहर आ गये, तन्वी ने दोनों को देखा तो बोली
तन्वी :- आध्या कहा रह गई थी आप हम आपका कबसे इंतज़ार कर रहे थे, और भाई आप, आप अब आ रहे है, चलिए अब आप जल्दी बरना दी यही आ जाएगी
दर्श और आध्या ने हाँ में सिर हिलाया और तन्वी के पीछे पीछे चले गये, सभी किआरा के पास आये, जो बच्चों को वही पास रखे बेड पर सुलाकर उन्ही के पास बैठी हुई थी, किआरा ने उनको देखा तो उनके पास आई और वही नीचे बिछे गद्दो पर बैठ कर कम्बल ओढ़ लिया, तन्वी ने एक बाउल लाई जिसके अंदर बहुत सारी चिट्स डली हुई थी, सबके बीच उसे रख दिया, सभी उस बॉउल और तन्वी को देखने लगे तो तन्वी बोली
तन्वी :- दी, आध्या और दर्श भाई गेम यह है की इस बॉउल में से हम सबको एक एक चिट निकालनी है बारी बारी और उसमे जो भी लिखा होगा आपको करना होगा तो बोलिये मंजूर है आप सबको
सभी एक साथ :- मंजूर
तन्वी :- दी मैं पहले ही बता दु की ये सारी चिट्स मेरी फ्रेंड ने लिखी है तो प्लीज आप मुझे डाटियेगा नहीं अगर कुछ भी गलत आया तो
किआरा :- ओके नहीं डाटूंगी ठीक, चल अब गेम शुरु कर, और इस गेम की शुरुवात तु ही करेगी
तन्वी ने हाँ में सिर हिलाया और बॉउल से चिट निकाली, उसमे जो लिखा वो उसके बारे में सोचने लगी की क्या करे फिर थोड़ी देर बाद वो किआरा के पास जाकर उसके हाथ पकड़ते हुए बोली
तन्वी :- आय एम सॉरी दी
To be continued.................
Miss Chouhan
11-Nov-2022 11:20 AM
Nice story😊😊😊
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Mahendra Bhatt
23-Oct-2022 11:16 AM
बेहतरीन भाग
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Shnaya
21-Oct-2022 08:08 PM
शानदार
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