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बाल दिवस
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बाल दिवस का तात्पर्य है वह दिन जिस दिन संपूर्ण देश में बच्चों की भलाई सूची जाती है या जिस दिन संपूर्ण देश में बालकों संबंधी कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। बाल दिवस प्रतिवर्ष 14 नवंबर के दिन मनाया जाता है इसी दिन पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म हुआ था श्री जवाहरलाल नेहरू देश के बहुत बड़े नेता थे विश्व में उनका नाम था जब सन 1947 में देश के स्वतंत्र हुआ और राष्ट्रीय सरकार बनी तो वे प्रधानमंत्री बनाए गए। चाचा नेहरू अर्थात पंडित जवाहरलाल नेहरू सभी बच्चों को अपने बच्चे समझते थे इसके बदले में बच्चे भी उन्हें प्यार से चाचा नेहरू कहा करते थे इसलिए सभी बच्चे मिलजुल कर बड़े ही उल्लास के साथ 14 नवंबर को बाल दिवस के रूप में मनाते हैं यह दिन सभी को आनंद और उल्लास से सराबोर कर देता है।
14 नवंबर के दिन सभी एकत्रित होकर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किया करते थे यह बाल दिवस पंडित जवाहरलाल नेहरू जी के जीवन काल से ही मनाया जा रहा है उस समय बच्चों के विभिन्न कार्यक्रमों में पंडित जवाहरलाल नेहरु स्वयं भाग लिया करते थे साथ ही उनके लिए अनेकों शुभकामनाएं व्यक्त किया करते थे यह कहा जाए तो कोई नियुक्ति नहीं होगी कि पंडित जवाहरलाल नेहरू सर्विस बाल दिवस के प्रेरक और संचालक बनकर इसे प्रगतिशील बनाने में अपूर्व योगदान और सहयोग किया करते थे।बाल दिवस को पंडित जवाहरलाल नेहरू अपने जन्मदिन से अधिक महत्व देते थे बाल दिवस 14 नवंबर के रूप में बहुत ही सम्मान और उल्लास के साथ मनाया जाता है वह 14 नवंबर को केवल अपना ही जन्मदिन नहीं मनाते थे बल्कि सभी बच्चों का जन्मदिन मनाते थे।
बाल दिवस के उपलक्ष में जगह-जगह विभिन्न आयोजन कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है प्राय सभी संस्थान इस दिन अवकाश करके बाल दिवस के उत्सव में अपना सहयोग प्रदान करते हैं बाल दिवस के शुभ उत्सव को मनाने के लिए विभिन्न स्थानों पर बने हुए बाल घने और संस्थानों की सजावट देखते ही बनती है इस दिन विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक और सामाजिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं बालकों की खेल प्रतियोगिताएं और प्रदर्शनी या सहित अनेक बाल कार्यक्रम भी आयोजित और प्रदर्शित किए जाते हैं इसमें भाग लेने वाले बालक बालिकाओं को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न प्रकार के पुरस्कार भी प्रदान किए जाते हैं इन प्रतियोगिताओं में भाग लेकर बालक बालिकाएं अन्य बालक बालिकाओं को प्रोत्साहित करते हैं।
अब इसका महत्व बहुत होता है बाल दिवस था बच्चों के लिए विशेष महत्व यह है कि आज के बालक कल के देश के कर्णधार हैं उनमें मानवीय मूल्यों के विकास में बाल दिवस महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है बाल दिवस का उत्साह भी हो तो प्राय भारत के सभी भागों में पूरे उत्साह के साथ मनाया जाता है लेकिन देश की राजधानी दिल्ली में तो इसकी छटा ही निराली है यहां के स्कूलों के प्राय सभी बच्चे एकत्रित होकर नेशनल स्टेडियम में जाते हैं वहां पर पहुंचकर यह सभी बच्चे दिल का प्रदर्शन करते हैं इस अवसर पर देश के प्रधानमंत्री वहां आते हैं अपने भाषण के द्वारा सभी बच्चों को पंडित जवाहरलाल नेहरु की देश की नीतियों और सिद्धांतों पर चलने की प्रेरणा भी देते हैं कार्यक्रमों की समाप्ति पर अंत में सभी बच्चों को मिठाइयां और पंडित जवाहरलाल नेहरू का सबसे प्यारा गुलाब का फूल वितरित किया जाता है इसे पाकर सभी बच्चे चाचा नेहरू अमर रहेगा पूरे जोश के साथ लगाकर अंत में अपने घरों को लौटते हैं दिल्ली के नेशनल स्टेडियम की तरह ही बाल दिवस दिल्ली के विभिन्न स्थानों पर बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है।
इस अवसर पर ग्राम एवं नखरो में स्थान स्थान पर झांकियों का प्रदर्शन होता है इन्हें देखने के लिए बालक अपने अभिभावकों के साथ लाखों की संख्या में उमड़ पड़ते हैं विद्यार्थियों में बाल दिवस खेल दिवस के रूप में भी मनाया जाता है बच्चों को खेल के मैदान में ले जाया जाता है वहां पर दौड़ खो खो कबड्डी आदि की प्रतियोगिताएं होती हैं इन खेलों में जो छात्र प्रथम द्वितीय और तृतीय आते हैं उन्हें पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं बाल दिवस के उपलक्ष में प्रबंधकों की ओर से मिठाई बांटी जाती है इस प्रकार बाल दिवस का पूरा दिन हर्षोल्लास में बीतता है ।
बाल दिवस प्रतिवर्ष 14 नवंबर को आता है हमें बाल दिवस को पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्म दिवस के रूप में मना कर संतुष्ट नहीं होना चाहिए बल्कि इसके अधिक से अधिक प्रेरक और प्रतीकात्मक रूप में भी मनाना चाहिए हमें चाचा नेहरू के गुणों को अपनाकर उन्हीं के समान देश की सेवा में लगा रहना चाहिए उन्हीं के समान महान बनकर यस का भागीदार बनना चाहिए।
Muskan khan
20-Oct-2022 07:49 PM
Superb 👌🏻
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Sachin dev
20-Oct-2022 07:28 PM
Nice
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Supriya Pathak
20-Oct-2022 12:56 AM
Bahut khoob 💐👍
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