Sunita gupta

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तुम चले गए

और  तुम  चले  गए 

चांद पूर्णिमा
रात उजियारी
खुशबू मीठी
रात की रानी
सर्द हवा
नर्म घास
सोंधी तेरी
आने की आस
शंखनाद
घंटा घड़ियाल
रात्रि आरती
मंदिर द्वार
बढ़ती नीरवता
घटते पहर
ओस की बूंदे
गीली घास
सोंधी तेरी
आने की आस
झींगुर गान
कीड़े गुंजायमान
पलकों की कोर 
नमी की डोर
शंखनाद
घंटा घड़ियाल
मंगला आरती
मंदिर द्वार
भोर की लाली
पक्षियों की चुगाली 
भंवरे तितली
फूल बगीचे
बोझिल कदम
कांपता बदन
तेज धार
आंसू अंबार
टूटी तेरे
आने की आस
और तुम चले गए

सुनीता गुप्ता कानपुर 

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5 Comments

Reena yadav

20-Oct-2022 04:31 PM

👍👍🌺

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Supriya Pathak

20-Oct-2022 12:55 AM

Bahut khoob 💐👍

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Gunjan Kamal

20-Oct-2022 12:02 AM

बहुत ही सुन्दर

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