लेखनी प्रतियोगिता -19-Oct-2022 तेरी भक्ति में हो जाऊं लीन
शीर्षक-तेरी भक्ति में हो जाऊं लीन
विषय-साधना
हे प्रभु! तू ही मेरा सब कुछ,
तेरी भक्ति में मिलता सुख,
संसार से लिप्त होकर मिलते दुःख।
मोह माया के जाल में फंसा इंसान,
करो वासनाओं का त्याग,
मन में जगाओ भक्ति का भाव।
आया था खाली हाथ,
अंत समय ना होगा कोई साथ,
फिर क्यों करता है विचार।
प्रभु में लगाओ ध्यान,
बन जाओ तुम साधक,
मन में उत्पन्न हूं भक्ति के भाव।
जब होगा शमशान का रुख,
राम राम शब्द होगा सबके मुख,
राम नाम ही सबसे बड़ा सुख।
आत्मा का हो जाएगा गमन,
अब करो प्रभु को नमन,
प्रभु के चरणों में करो नतमस्तक।
प्रभु में हो जाऊं ऐसे लीन,
हो जाए प्रभु से मेरी मीत,
ना छूटे जग से हमारी प्रीत।
अंधियारे में मिलता रास्ता,
ऐसी होती प्रभु की भक्ति भावना,
प्रभु से हमारा वास्ता।
हे प्रभु! तेरे चरणों की बन जाऊं धूल,
तेरी बांसुरी की बन जाऊं धुन,
तेरे नाम की बन जाऊं सुर।
ऐसी हो भक्ति भावना,
मन में हो तेरी आराधना,
बस तेरे नाम की हो साधना।
लेखिका
प्रियंका भूतड़ा
Reena yadav
20-Oct-2022 04:16 PM
👍👍🌺
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Abhinav ji
20-Oct-2022 09:22 AM
Nice 👍
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Shashank मणि Yadava 'सनम'
20-Oct-2022 08:53 AM
बहुत ही सुंदर सृजन
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