सुनो....
सुनो, मैंने गौर से देखा है
तेरी उन ठहरी नजरों को
क्यूँ ठहरे हो चलो थाम ले हम
प्यार की भीगी लहरों को
अपने माथे की बिंदी पे
कभी कान की हिलती झुमकी पे
सुनो, मैंने गौर से देखा है....
जब नथ छूती मेरे होंठो से
झुकती उठती मेरी पलकों पे
सुनो, मैंने गौर से देखा है....
जब चूड़ियां मेरी खनकती हैं
जब पायल छन छन करती है
सुनो, मैंने गौर से देखा है....
आँचल जो मेरा लहराता है
दिल धक से तेरा रह जाता है
सुनो, मैंने गौर से देखा है....
क्यूँ ठहरे हो चलो थाम ले हम
प्यार की भीगी लहरों को
सुनो, मैंने गौर से देखा है....
हां, मैंने गौर से देखा है,
तेरी उन ठहरी नजरों को
✍🏻प्रीति ताम्रकार
जबलपुर
Niraj Pandey
27-Aug-2021 05:24 AM
वाह
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Seema Priyadarshini sahay
26-Aug-2021 06:07 PM
वाह
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Swati chourasia
26-Aug-2021 10:54 AM
Very nice
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