दैनिक प्रतियोगिता हेतु स्वैच्छिक विषय खूबसूरत
हंसी हो, जवां हो, खूबसूरत हो, लाजवाब हो !
परी हो, अप्सरा हो, चांद हो, आफताब हो !!
तुम्हीं बताओ तुम्हारे बारे में और क्या क्या लिखूं !
गीत हो, गजल हो,या किसी शायर का ख्वाब हो !!
जुहू , चंपा , चमेली , रात की रानी या गुलाब हो !
बिन पिए ही हो जाए , नशा तुम वह शराब हो !!
अपने ही बस में नहीं, आज अपनी ही जवानी !
अपनी ही हदें तोड़ती नदिया का तुम शबाब हो !!
तुम ही दिन रात मेरे तुम ही हो जज्बात मेरे !
सलाम, दुआ, नमस्ते,अब तुम्ही मेरा आदाब हो !!
मेरा सबकुछ तेरे हवाले जिंदगी देना चाहे मौत !
नदिया, भंवर, पतवार, अब तुम ही मेरी नाब हो !!
मेरे बारे में कोई जानना चाहे तो तुमसे जान ले !
मेरी बेचैनी, बेकरारी, तड़प का तुम जवाब हो !!
जब से तुम्हें देखा अपने बारे में सोचना छोड़ दिया !
मेरे दिल मेरी धड़कन मेरे पल पल का हिसाब हो !!
जी चाहता है हर समय बस तुम ही को देखता रहूं !
मेरे हमदम मेरे साथी तुम्हीं मेरा सबकुछ जनाब हो !!
जो मैं ना कह सका, वह तुम्हें देखकर समझ ले !
सुनीता गुप्ता सरिता कानपुर
Shashank मणि Yadava 'सनम'
21-Oct-2022 08:52 AM
बहुत ही सुंदर सृजन
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आँचल सोनी 'हिया'
20-Oct-2022 09:09 PM
Bahut khoob 🙏🌺
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Muskan khan
20-Oct-2022 07:45 PM
Well done ✅
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