Sunita gupta

Add To collaction

दैनिक प्रतियोगिता हेतु स्वैच्छिक विषय खूबसूरत

हंसी  हो,  जवां  हो,  खूबसूरत  हो, लाजवाब हो !
परी   हो,  अप्सरा   हो,  चांद  हो, आफताब  हो !!
तुम्हीं बताओ तुम्हारे बारे में  और क्या क्या लिखूं !
गीत हो, गजल हो,या किसी शायर का ख्वाब हो !!

जुहू ,  चंपा , चमेली , रात की  रानी या गुलाब हो !
बिन  पिए  ही  हो  जाए , नशा तुम वह शराब हो !!
अपने  ही  बस  में  नहीं, आज अपनी ही जवानी !
अपनी  ही  हदें तोड़ती नदिया का तुम शबाब हो !!

तुम  ही  दिन  रात  मेरे  तुम  ही  हो  जज्बात मेरे !
 सलाम, दुआ, नमस्ते,अब  तुम्ही मेरा आदाब हो !!
मेरा  सबकुछ  तेरे  हवाले  जिंदगी देना चाहे मौत !
नदिया, भंवर, पतवार, अब तुम ही मेरी नाब   हो !!

मेरे  बारे  में  कोई जानना चाहे  तो तुमसे जान  ले !
मेरी  बेचैनी, बेकरारी, तड़प  का  तुम  जवाब  हो !!
जब से तुम्हें देखा अपने बारे में सोचना छोड़ दिया !
 मेरे दिल मेरी धड़कन मेरे पल पल का हिसाब हो !!

जी चाहता  है हर समय बस तुम ही को देखता रहूं  !
मेरे हमदम मेरे साथी तुम्हीं मेरा सबकुछ जनाब हो !!
जो  मैं  ना  कह  सका,  वह तुम्हें देखकर समझ ले !

सुनीता गुप्ता सरिता कानपुर 

   16
7 Comments

बहुत ही सुंदर सृजन

Reply

Bahut khoob 🙏🌺

Reply

Muskan khan

20-Oct-2022 07:45 PM

Well done ✅

Reply