Sunita gupta

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दैनिक प्रतियोगिता हेतु स्वैच्छिक विषय मोह

मोह जीवन का
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जीवन में.. मोह जीवन से ..
आलिंगन के मौके..
कम ही आते है !!
दिखने वाली हँसी ..
मन की खुशी से ..
कम ही मिलती है !!

प्यार से प्यार ...
सफर में हमसफ़र ...
कम ही मिलते हैं !
रात रानी की गुफ़्तगू ...
धूप से भला कब हुई ..
चकोर कभी चाँद को ..
चाहकर भी पा न सका !

सुना तो है कि ..
सावन का मिलन ..शिशिर से ,
बसंत का मिलन ...फागुन से ,
अब समझ आने लगा ...आलिंगन ...
अर्थ है ..अस्तित्व समाप्ति का !!
जैसे ....

जिंदगी के धरातल पे ..आलिंगन ..
दो अस्तित्वों का मिलन ...
अनूठा है ...अद्भुत है !
बाकी जो है बस वही है !!
देखिये आलिंगन से जीवन ...
और जीवन में आलिंगन ...
क्या क्या परिवर्तित कर देती हूं।
सुनीता गुप्ता सरिता कानपुर 

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6 Comments

Bahut khoob 💐👍

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बहुत ही सुंदर सृजन

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Gunjan Kamal

22-Oct-2022 12:55 AM

शानदार प्रस्तुति 👌🙏🏻

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