लेखनी कहानी -22-Oct-2022 भारतीय त्योहार और रीति रिवाज मासिक प्रतियोगिता हेतु , भाग १ धनतेरस का त्यौह
भारतीय त्योहार और उनके रीति रिवाज
मासिक प्रतियोगिता हेतु
धनतेरस का त्योहार
कार्तिक मास त्रयोदशी कृष्ण पक्ष के दिन धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है। इसे धनवंतरि तेरस भी कहा जाता है। आज के दिन लोग साफ सफाई करते हैं, और भगवान धन्वंतरि की पूजा कर घर में कुछ सोना चांदी पीतल आदि खरीद कर लाते हैं।
कहा जाता है, कि देवताओं और राक्षसों ने मिलकर समुद्र मंथन किया था। जिसमें से आज के दिन ही भगवान धनवंतरि अमृत कलश लेकर उत्पन्न हुए थे। जो स्वास्थ्य सुख समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। आज का दिन धनवंतरि जी के जन्म दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।
और तभी से यह धनवंतरि या धन तेरस का त्योहार मनाया जाने लगा। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार धनवंतरि जी एक बहुत बड़े वैद्य थे। उनको बहुत सारी जड़ी बूटियों आदि का ज्ञान था। वह हर एक रोग से मुक्ति का उपाय व दवा का ज्ञान रखते थे, इसीलिए उन्हें स्वास्थ्य का देवता भी माना जाता है।
भारत में हिंदू धर्म के अनुयाई यह पंच दिवसीय त्यौहार आज धनतेरस के दिन से ही शुरु करते हैं पहला दिन धनतेरस का होता है दूसरा दिन नरक चतुर्दशी यानी कि छोटी दीवाली कहलाता है तीसरा दिन बड़ी दिवाली लक्ष्मी पूजन का कहलाता है जिस दिन हम लक्ष्मी और गणेश को साथ में रखकर पूजन करते हैं चौथा दिन गोवर्धन पूजा के नाम से विख्यात है 5 महीने हम यम दुतिया या भैया दूज के नाम से मनाते हैं जिसमें बहने अपने भाई की लंबी उम्र की कामना करती हैं। इस तरह से यह पंच दिवसीय त्योहार हमारे जीवन में नई नई खुशियां लेकर आता है।इस त्योहार के साथ ही शरद ऋतु का प्रवाह शुरू हो जाता है।
आइए आप जानते हैं, कि आज के दिन पूजन का क्या विधि विधान है, तो सर्वप्रथम कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन हम सब सुबह उठते हैं। सबसे पहले घर में साफ सफाई का प्रावधान है, घर का कोना-कोना साफ किया जाता है। घर के सभी सदस्य इस काम में मदद करते हैं। तत्पश्चात घर के सभी सदस्य नहा धोकर तैयार होते हैं। नए वस्त्र धारण करते हैं, अपने मन में शुचिता का भाव रखते हैं।
फिर एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर भगवान धन्वंतरि की प्रतिमा रखते हैं, साथ में माता महालक्ष्मी की प्रतिमा विराजमान करते हैं। और उसके बाद फल फूल धूप दीप मिठाई मेवा आदि रखकर भगवान धन्वंतरि और माता महालक्ष्मी की पूजा करते हैं। भगवान धन्वंतरि और माता लक्ष्मी का भोग लगाते हैं,और धूप दीप जलाकर पूरे घर में उसको घुमाते हैं।
जिससे घर में शुद्धिकरण हो जाए। दीप जलाते हैं और भगवान धन्वंतरि से प्रार्थना करते हैं, कि भगवान हर साल हमारे घर में इसी तरह खुशी आती रहे। किसी प्रकार का कोई कष्ट ना आए हमारे घर पर अपनी कृपा बनाए रखना यही प्रार्थना करके सभी लोग शाम को दिए जलाते हैं।
शाम को सभी लोग बाजार हाट घूमने जाते हैं।और अपनी शक्ति के अनुसार चांदी सोना बर्तन आदि खरीदते हैं। इस दिन अगर आपके पास इतना भी धन नहीं। कि आप कुछ खरीद सकते हैं। तो निराश न हों। और आप आज के दिन एक नारियल की सींक वाली झाड़ू जरूर लाएं जिससे कि आपकी धनतेरस का त्योहार शुभ हो जाए
झाड़ू मां लक्ष्मी का प्रतीक होती है, आज के दिन सींक की झाड़ू खरीदना बहुत शुभ माना जाता है। आज के दिन आप साबुत धनिया लाकर पूजा के स्थान पर रख उसे अपनी तिजोरी में रख सकते हैं। यह भी एक बहुत अच्छा तरीका साबित हो सकता है, माता लक्ष्मी को पाने का। आप इन सब टोटकों को आजमा सकते हैं। क्योंकि इनमें ना तो आपका बहुत ज्यादा धन लगेगा और ना ही आपको कोई परेशानी होगी यह दोनों ही चीजें आपके घर के लिए उपयोगी हैं।
धनतेरस के अगले दिन हम नरक चतुर्दशी मनाते है। धन्यवाद
अलका गुप्ता 'प्रियदर्शिनी'
लखनऊ उत्तर प्रदेश।
स्व रचित मौलिक व अप्रकाशित,
@सर्वाधिकार सुरक्षित।
Supriya Pathak
22-Oct-2022 08:50 PM
Bahut khoob 🙏🌺
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आँचल सोनी 'हिया'
22-Oct-2022 07:11 PM
Bahut khoob 💐👍
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Mahendra Bhatt
22-Oct-2022 10:01 AM
शानदार
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