ज़िंदगी का सफर - 💞हमसफ़र के साथ💞 "भाग 16"
किआरा की बात सुनकर इवान ने किआरा की तरफ देखा तो किआरा फ़ौरन बोली
किआरा :- जी मैं तो बस युही पूछ रही थी, कुछ लोगो से गलत सुना था मैने उनके बारे में तो बस....... जानने का मन किया, लेकिन मुझे लोगो की बातो पर यकीन नहीं है क्युकी उन्हे तो आदत है किसी की भी लाइफ के बारे में नमक मिर्च लगाकर कहने की इसलिए मुझे लोगो की बातो पर विस्वास नहीं, बस इसी कारण मैं आपसे सच जानना चाहती थी, अगर आपको नहीं बताना तो कोई बात नही, मैने तो बस युही पूछ लिया
इवान ने किआरा की बात सुनकर एक गहरी सांस ली और बोला
इवान :- अनु और मैं हम दोनो एक दूसरे से प्यार करते थे, ओर परिवार वालों की सहमति से हमने शादी कर ली थी
ये सुनकर किआरा ने इवान की तरफ देखा तो वो आगे बोला
इवान :- अनु और मैं हम एक कॉलेज में पढ़ते थे, धीरे धीरे हमारी दोस्ती हुई और फिर प्यार हुआ, मैने उसे प्रपोज़ किया तो उसने हाँ कहा, फिर हमने कॉलेज कम्पलीट होने के बाद शादी करने की सोची और फिर ग्रेजुएशन कम्पलीट करके मैने हमारा ऑफिस जॉइन कर लिया फिर हमने फैमिली बालो से बात की तो उन्होंने हमारा रिश्ता तय कर दिया और हमारी शादी हो गई, शादी के एक साल बाद हमे अनु की प्रग्नेंसी की बात पता चली तो सब खुश हो गये और ये जानकार तो डबल खुश हुए थे की अनु के जुड़बा बच्चों को जन्म देने वाली है, सब कुछ लाइफ मे बहुत अच्छा चल रहा था हम सभी खुश थे, लेकिन हमे नहीं पता था की हमारी खुशी कुछ समय के लिए ही है, अनु की प्रग्नेंसी के सातवे महीने में हमे पता चला की अनु की प्रग्नेंसी में कुछ कम्पलीकेशंस है, शायद बच्चा सरवाइव ना कर पाए या फिर अनु खतरे में पड़ सकती है, अनु ने हमसे ये बात छिपाई थी जब सबको इस बारे में पता चला तो सभी को सदमा सा लग गया था, लेकिन फिर भी अब क्या हो सकता था इसलिए हम सबने मिलकर अनु का ध्यान रखना शुरु कर दिया, अनु मुझसे हमेशा कहती रहती थी की अगर उसे कुछ हुआ तो मैं दूसरी शादी कर लूंगा जिससे कभी बच्चों को माँ की कमी महसूस ना हो लेकिन मैं उसे हर बार डाट कर चुप करवा देता था, और यही बोलता था की उसे कुछ नहीं होगा, लेकिन एक दिन सब बिखर गया, एक दिन अनु ने जिद की की उसे मंदिर जाना है, उस समय मैं घर पर नहीं था तो माँ उसे अपने साथ मंदिर ले गई लेकिन जब वो वापस आ रहे थे तब एक ट्रक ने उनकी कार को टक्कर मार दी जिससे उन्हे ज्यादा चोट तो नहीं आई क्युकी ड्राइवर ने बचा लिया था लेकिन ट्रक के झटके के शरण अनु के पेट में लग गई जिससे उसे दर्द होने लगा तो माँ जल्दी से अनु को हॉस्पिटल लेकर गई और हम सबको बताया, उस समय अनु का आठवा महीना चल रहा था और उसकी प्रग्नेंसी में कम्पलीकेशन के कारण डॉक्टर्स ने बच्चों को तो बचा लिया लेकिन अन तो कंडीशन खराब थी तो डॉक्टर्स ने ये कहकर हाथ जोड़ लिए की उसके पास अब बस थोड़ा ही टाइम है उसे नहीं बचाया जा सकता है, तो सब पर जैसे पहाड़ टूट गया हो, जब मैं उससे मिलने गया तो उसे पता था की उसे नहीं बचाया जा सकता तो उसने मुझसे दूसरी शादी करने का वादा लिया और बच्चों का ध्यान रखने का कहकर वो हम सबको छोड़ कर हमेशा हमेशा के लिए इस दुनिया से चली गई ।
मैने अपने बच्चों के लिए खुद को संभाल लिया और फिर हम सबने मिलकर बच्चों का ध्यान रखा तो माँ ने मुझसे दूसरी शादी करने के लिए कहा मैने भी अनु से किये हुए प्रॉमिस को निभाते हुए शादी के लिए हाँ बोल दिया और फिर माँ ने तुम्हे किसी शादी के फंक्शन में देखा तो तुम्हारे यहां रिश्ता पहुंच गया ।
ये सब कहते कहते इवान की आँखे नम ओर गला रुंध सा गयैठा इसलिए वो चुप हो गया और बैसे ही सर नीचे करके खामोशी से बैठा रहा, किआरा जो इवान की बाते सुनकर उसकी भी आँखे आशुओ से भरी थी तो उसने बेसुधी मे आगे बढ़कर इवान को गले लगा लिया तो इवान को भी जैसे सहारा मिल गया हो और वो भी किआरा के गले लग कर रोने लगा ।
थोड़ी दर बाद इवान ओर किआरा को एहसास हुआ तो दोनो अलग हो गये और इधर उधर देखने लगे, अब दोनो को ही समझ नहीं आ रहा था की क्या कहे तो इवान नॉर्मल होते हुए बोला
इवान :- आय.... आय एम सॉरी वो....
इवान आगे कुछ कहता उससे पहले ही किआरा उसकी बात काटते हुए बोली
किआरा :- आपको सॉरी कहने की जरूरत नहीं है इवान जी मैने ही आपको आगे बढ़कर...... आपको उस समय एक दोस्त के सहारे की जरूरत थी तो बस मैने आपको अपना दोस्त मानकर किया ( फिर थोड़ा रूककर ) क्या आप मेरे दोस्त बनेंगे
इवान :- दोस्त ?
किआरा :- हा दोस्त, क्युकी दोस्ती एक ऐसा रिश्ता है जो हर रिश्ते से बड़ा होता है, हमारी लाइफ में हर रिश्ता कितना ही खास क्यू ना हो पर एक दोस्ती का रिश्ता ऐसा होता है जहा हमे अपने मन की बाते बताने में कोई प्रॉब्लम नहीं होती ना ही कोई हिचक होती है जहा हम अपने फैमिली बालो से खुलकर अपनी परेशानी नहीं बता पाते वहा हम अपने दोस्तों को बेझिझक बता देते है ओर मैं आपकी लाइफ में वो दोस्त बनना चाहती हु, जानती हु की आपने आज तक किसी के सामने आपने दर्द को नही बाटा लेकिन मैं बस इतना चाहती हु की आप अपने दर्द को बाहर निकाले बरना वो आपको अंदर ही अंदर ख़त्म कर देगा और आपको तकलीफ होगी, और आप भी ये नहीं चाहते होंगे की आप को तकलीफ में देखकर घरवाले भी परेशान हो, ( फिर थोड़ा रूककर ) क्या आप मुझे अपना दोस्त बनायंगे, अगर नहीं तो कोई बात नही, मुझे पता है इतनी जल्दी कोई किसी पर विश्वास नहीं कर सकता, और अभी हमे जाने तो कुछ ही टाइम हुआ है........
इवान किआरा की बात ध्यान से सुनता है फिर उसको बीच में ही रोकते हुए बोला
इवान :- ठीक है मैं आपका दोस्त बनूँगा लेकिन एक शर्त पर, अगर आपको मंजूर होगी तब ही मैं दोस्ती करूंगा बरना फिर देखते है
किआरा :- केसी शर्त ?
To be continued...................
आपको क्या लगता है गाइस इवान किआरा के सामने कोनसी शर्त रखने वाला है🤔🤔🤔
सोचिये सोचिये आप सब भी 🤔🤔🤔🤔🤔
Miss Chouhan
11-Nov-2022 11:22 AM
Nice story😊😊😊
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Mahendra Bhatt
23-Oct-2022 11:14 AM
बेहतरीन भाग
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Aliya khan
22-Oct-2022 10:18 PM
हम सोचने वाले तो नही है जी क्यों कि जो बस ये पहेली जल्दी से हल हो जाये ये इसका बड़ी ही बेसब्री से इंतजार करेंगे
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