दैनिक प्रतियोगिता हेतु स्वैच्छिक विषय दीपावली
((दीपावली और मधुकवि और अयोध्या))
राम वापस अयोध्या में आए।।
सबने खुश हो के दीपक जलाए।।
बाजी घर घर अनोखी बधाई।।
मुद्दतों बाद बेरा ये आई।।
गीत मस्ती में मिल सबने गाए।।
राम वापस अयोध्या में आए।।
दूर दिल की उदासी हुई है।।
आज दुनिया अवध की नई है।।
घर अटारी सभी ने सजाए।।
राम वापस अयोध्या में आए।।
चारो भाई मिले आज ऐसे।।
मीन प्यासी मिले जल से जैसे।।
खोए वैभव अयोध्या ने पाए।।
राम वापस अयोध्या में आए।।
कैसी कैसी मिठाईं बनी है।।
पूड़ी सब्जी भी घर घर घनी है।।
खूब जीभर के व्यंजन हैं खाए।।
राम वापस अयोध्या में आए।।
खुशबू कलियों ने खिल कर उड़ाई।।
महकी-महकी पवन मुस्कराई।।
आज अमरावती भी लजाए।।
राम वापस अयोध्या में आए।।
सुनीता गुप्ता सरिता कानपुर
Pratikhya Priyadarshini
27-Oct-2022 10:22 AM
Bahut khoob 🙏🌺
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Khan
25-Oct-2022 07:26 PM
Very nice 👍🌺
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Shashank मणि Yadava 'सनम'
24-Oct-2022 06:12 AM
बहुत ही सुंदर सृजन
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