Sangeeta

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तेरे आंचल की छांव

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ये चंचल सा दिल---
क्यों भर आता है,
इसके भर जाने से ,---
आंखों में पानी क्यों आता है,

एक अनजानी सी---
हलचल का एहसास कराता है,
रोकना चाहते हैं ---
छलकते आंसुओं को---
यह जो आंसुओं का सैलाब है ---
रुक नहीं पाता है,

यह चंचल सा दिल ---
क्यों भर जाता है,
एक अनजानी हलचल का---
एहसास कराता है,
शिकायत तो नहीं है जिंदगी तुझसे---
तेरे आंचल  की छांव मे ---
सुकून भी तो पाया है,
कर्जदार है‌ तेरी रहमत के हम---
जिंदगी तेरी ठोकर ने भी हमको---
सही रास्ता दिखाया है,

तेरी आंचल की छांव में रहकर---
हर मोड़ पर, अनुभव नया पाया है,
यह तेरा उपकार है मुझ पर ---
यह अनुभव, मैंने तुझसे ही तो पाया है, 
      जिंदगी तेरे आंचल की छांव में---
सुकून जी भर के पाया है,
संगीता वर्मा✍✍


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4 Comments

Niraj Pandey

27-Aug-2021 05:56 AM

वाह

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Seema Priyadarshini sahay

26-Aug-2021 03:54 PM

बहुत खूबसूरत

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Aliya khan

26-Aug-2021 03:17 PM

Nice

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