दीपावली दीपों का उत्सव

*प्रतियोगिता

दिनांक 24 अक्टूबर 2022 

विषय:- दीपावली

विधा:- गीत


शीदीपावली दीपों का उत्सव


दीपावली दीपों का उत्सव ,
   दया दान का दीप जलायें।
उर आँगन की कलुष कालिमा ,
  आओ मिलकर दूर भगायें।

1-

महा मोह की घोर निशा को ,
   मन से आज मिटाना है।
रखे प्रकाशित प्रेम पुंज नित,
      ऐसा दीप जलाना है ।
दंभ द्वेष पाखंड दूर कर ,
  दीपों का त्यौहार मनायें।

2-

जगमग जगमग हो जग सारा,
    पूनम अमां देख सरमाये ।
सभी सुखी संपन्न रहें अरू ,
    कोई ना भूखा रह पाये।
होवें न मन भेद किसी से,
आऔ सब मतभेद भगायें।

3-

सरस्वती का सुचि सुपास हो,
  लक्ष्मी जी का भी निवास हो।
श्री गणेश हो शुभ कामों का,
   आज न कोई भी निराश हो।
प्रीति पूर्ण व्यवहार परस्पर पर,
 सुप्त सुलह को आज जगायें।

4-

बैर भाव का कोई काम ना ,
  केवल करना सुखद कामना ।
दीप जला कर आज ज्ञान का,
    अंधकार का करे सामना।
घर घर हो हर रोज दिवाली,
  हरि से विनोदी यही मगायें।

विनोदी महाराजपुर

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5 Comments

बेहतरीन बेहतरीन

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Gunjan Kamal

24-Oct-2022 11:37 PM

शानदार प्रस्तुति 👌🙏🏻

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Nancy

24-Oct-2022 12:19 PM

Nice

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