दैनिक प्रतियोगिता हेतु स्वैच्छिक विषय मिट्टी
मिट्टी
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मिट्टी मे मिलेगी मिट्टी
पानी मे पानी
छोड़ दे गुमानी
चार दिन की जिंदगानी
महल मकान तेरे साथ
नही जायेंगे ,सब सुख
धाम तेरे यही रह जायेंगे ।
पानी के बबूला जैसे तेरी जिंदगानी
छोड़ दे गुमानी तेरी यही जिंदगानी ।
मिट्टी मे मिलेगी मिट्टी पानी मे पानी ,
छोड़ दे गुमानी तेरी यही जिंदगानी
🌹 भाई दूज🌹
कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया
को आता है यह त्यौहार
चित्रगुप्त की होती पूजा
भाई दूज का यह त्यौहार
सजी हुई हाथों में थाली
भाई को लगाती मंगल टीका
नए नए पकवान बनाकर
भाई का मुंह करती मीठा
भाई अपने हाथों में
लाया है सुंदर उपहार
आज खुशी का दिन है
आया यह पावन त्यौहार
तुम खुश रहो मेरे भैया
यही प्रभु से विनती करती
नहीं चाहिए कोई उपहार
जब मैं आऊं सदा खुला रहे मायके का द्वार
सदा भविष्य उज्जवल तेरा
यही कामना करती बहना
चांद सा है भैया मेरा
मैं हूं तेरी बहना
सीमा पर जो खड़े हुए हैं
फौजी भाई सीना तान
आज तुम्हारे कारण भैया
सुरक्षित है हमारा हिंदुस्तान
भाई बहन का प्यारा बंधन
जग में है बड़ा अनमोल
कोई तराजू बनी नहीं
कोई सकेगा तो ल
सुनीता गुप्ता सरिता कानपुर।
Suryansh
29-Oct-2022 07:31 PM
सुन्दर सृजन
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Mahendra Bhatt
29-Oct-2022 01:10 PM
बहुत खूब
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Haaya meer
28-Oct-2022 07:11 PM
Amazing
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