क्षणिकाएं – २५

क्षणिकाएं २५

(१)

रिश्तों के टूटने का गम तो होता है
पर जो गुजर गए उन पे कौन ताउम्र रोता है।।

(२)

बेकरार रातों के भी कुछ अजीब फसाने है
करवट बदल रहे हैं, कुछ ख्वाब सुहाने हैं।।

(३)

खुशियां लफ्जों की मोहताज नहीं
ये वो जज्बा है जो दिल से निकलता है
और आंखों से बयां होता है।।

(४)

दिन निकला है तो निकलेगा ही
तेरे मेरे रोके से ये रुकेगा नहीं
उठ चल तू भी साथ इसके
वरना जीवन बचेगा नहीं।।

(५)

अपनी अपनी जिंदगी
अपनी अपनी दौड़
समझ सको तो समझ लो
फिर काहे की होड़।।

(६)

भीड़ में भी तन्हा हो जाइए
किसी की यादों में खो जाइए
और जो न मिल सके कोई ऐसा
तो खुद ही खुद से रूबरू हो आइए।।

आभार  – नवीन पहल – २९.१०.२०२२ 💐🙏🌹

# नॉन स्टॉप २०२२


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6 Comments

Khan

29-Oct-2022 11:37 PM

Bahut sundar 👌🌸

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Teena yadav

29-Oct-2022 06:25 PM

Very nice

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Haaya meer

29-Oct-2022 06:14 PM

Amazing

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