आशिकी
🌹🌹 आशिकी ❤❤
नटखट ये ड़गर,तेरी छोटी है उमर
नटखट ये ड़गर, तेरी छोटी है उमर
कर ना तू तंग, हो जाएगा बेढंग
हो जाएगा बेढंग
चल- चल हट तू
चल -चल हट तू
मेरी राहों में खड़ा है क्यूँ
ये तेरी आशिकी मुझे
जरा भी न भाए
हां जरा भी न भाए
सुबह से शाम तु
क्यूँ ,मुझे सताये
हां मुझे सताये
फिर -फिर कर तु
मेरी गलियों में आए
हां गलियों में आए
तेरे मन में क्यूँ ,
क्या ,कोई कलियां समाये
हां कोई कलियां समाये
तेरे अंखियों की ,
तेरे अंखियों की शैतानियां
मेरी अंखियों को
जरा भी न भाए
हां जरा भी न भाए
पक -पक सी गई हूं
तेरे संग मैं चल के ,
पक -पक सी गई हूं
तेरे संग मैं चल के
तू ,क्यूँ न मुझे भुलाए
हां मुझे भुलाए
मेरी डगर में ,तेरी जगह नहीं
हां जगह नही
इस बात को तु समझ ही जाए
हां समझ ही जाए
करूं मिन्नतें, करू मिन्नतें
अब हो जा तू
छूमंतर, छूमंतर, छूमंतर
हां.... हां.... हां.... छू ......मंतर...
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