Aliya khan

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सोना सोना





सोना सोना मुखड़ा सा 

लगता था कुछ अपना सा 

माथे पे चाँद की बिंदिया सी 

होठों पे गुलाब की लाली सी 

खन खन खनके चुडिया सारगी सी 

पैरो मे बाजे गुगरू चमके दिल मे बिजली सी 

लाल साडी पहन खड़ी वो दुशाला सी 

लगा के पिया के  नाम की मेंहदी 

चली देखो दुल्हन बसने अपना संसार 

बाबुल का आँगन ,सखियों का सग 

आँखो मे दबा के एक नया सपना 

बनाने चली किसी को अपना 

दुल्हन कितनी प्यारी सी 

आलिया खान ✍️✍️




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4 Comments

Sahil writer

20-Feb-2021 12:21 PM

👍👍👍

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علما

17-Feb-2021 07:55 PM

👍👍👍

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Sana khan

16-Feb-2021 09:00 PM

❤❤❤❤❤

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