लेखनी कहानी -31-Oct-2022
🙏🙏मेरा स्वाभिमान🙏🙏 भाग -1
यह कहानी सोनू की है उसके पिता एक कुम्हार हैं।
जिनकी उत्तम नगर में एक छोटी सी दुकान है।
जिधर वो मिट्टी का समान बना कर बेचते है।
उनके दो बेटे और एक बेटी है।चारो मिल कर
काम करते है।
सोनू की माता का देहांत पिछले साल कोरोना होने से हो गया।दो साल से काम थोड़ा कम चल रहा था।लेकिन अभी इस साल काम ने तेजी पकड़ी।
इस बार काफी अच्छे ऑर्डर भी मिल रहे थे।
सब मेहनत कर रहे थे।सभी खुश थे कि इसके बार दिवाली अच्छे से मनाएंगे।
नवरात्रि के बाद सोनू और उसके पड़ोसी लोगों पटरी पर सबने मिट्टी का समान सजा दिया। मिट्टी के दिए,लालटेन,गमले,कुल्हड,हाँडी गुडडै- गुडिया इत्यादि।
दिवाली से एक हफ्ते पहले की बात है। सभी ने प्रतिदिन की तरह समान सजाया हुआ था।
अचानक एक महिला आयी और बल्ले से समान तोड़ने लगी।सोनू भागा •••••चिल्लाया•••• क्या हुआ?? ••••••••
मैम समान मेरा मत तोड़ो। क्या बात गई। पर वो महिला चारो तरफ से समान तोड़ती रही।
सोनू और उसके आस-पास के लोगों को समझ नहीं आया।
थोड़ी देर में वो महिला चिल्लाती हुईं कार में बैठे और चली गई।
अब आप लोग जानना चाहेंगे?
कि इस महिला ने ऐसा क्यों किया?पटरी पर समान लगने के कारण ट्राफिक जाम हो रहा था।लोग उधर से ही सामान ले रहे थे।इसलिए महिला को गुस्सा आ गया।उसको जाने की जल्दी थीं।
कुछ लोग इस घटना की वीडियो बना कर
वायरल करने में लगे हुए थे।
लेकिन एक जुट होकर उस महिला को नहीं रोक रहे थे?
ये कैसी विडंबना है?
कहने को वह महिला एक डॉ हैं।डॉ अंजू शर्मा एक पढे -लिखे समाज की महिला है। जिनके पिता आई-अस से रिटायर्ड है।
इस महिला के बारे में आप क्या कहना चाहेंगे कृपया सुझाव दे
"रहा सवाल उस सोनू का, वो इतना नुकसान होने पर भी चुप है।"
पूछने पर उसने बताया कि ये तो हमारे साथ होता ही रहता। किससे शिकायत करे? क्योंकि रक्षक ही भक्षक है।
कितनी बार पुलिस वाले ही आकर समान ले जाते हैं।और एक रुपया भी नहीं देते।
क्या इन लोगो का कोई स्वाभिमान नहीं?
क्यूंकि ये गरीब है?
कृपया सुझाव दे।नए समाज का सर्जन कैसे करें?
Babita patel
01-Feb-2023 05:45 AM
osm starting
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Khushbu
13-Nov-2022 05:53 PM
Nice start 👍🏼
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Mahendra Bhatt
04-Nov-2022 04:28 PM
शानदार
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