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30 days festival - ritual competition -1-Nov-2022 ( 7) महाशिवरात्रि




शीर्षक = महाशिवरात्रि



महाशिवरात्रि भारतीयों का एक प्रमुख त्यौहार है। यह भगवान शिव का प्रमुख पर्व है। माघ फागुन कृष्ण पक्ष चतुर्दशी को महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाता है। माना जाता है कि सृष्टि का प्रारम्भ इसी दिन से हुआ। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन सृष्टि का आरम्भ अग्निलिंग (जो महादेव का विशालकाय स्वरूप है) के उदय से हुआ। इसी दिन भगवान शिव का विवाह देवी पार्वती के साथ हुआ था। साल में होने वाली 12 शिवरात्रियों में से महाशिवरात्रि को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है|भारत सहित पूरी दुनिया में महाशिवरात्रि का पावन पर्व बहुत ही उत्साह के साथ मनाया जाता है|


महाशिवरात्रि मनाने के सन्दर्भ में बहुत सी पौराणिक कथाये देखने और सुनने को मिलती है जिसमे से एक है  अमृत मंथन की कथा 

अमृत का उत्पादन करने के लिए निश्चित था, लेकिन इसके साथ ही हलाहल नामक विष भी पैदा हुआ था। हलाहल विष में ब्रह्माण्ड को नष्ट करने की क्षमता थी और इसलिए केवल भगवान शिव इसे नष्ट कर सकते थे। भगवान शिव ने हलाहल नामक विष को अपने कण्ठ में रख लिया था। जहर इतना शक्तिशाली था कि भगवान शिव बहुत दर्द से पीड़ित हो उठे थे और उनका गला बहुत नीला हो गया था। इस कारण से भगवान शिव 'नीलकंठ' के नाम से प्रसिद्ध हैं। उपचार के लिए, चिकित्सकों ने देवताओं को भगवान शिव को रात भर जागते रहने की सलाह दी। इस प्रकार, भगवान भगवान शिव के चिन्तन में एक सतर्कता रखी। शिव का आनन्द लेने और जागने के लिए, देवताओं ने अलग-अलग नृत्य और संगीत बजाने। जैसे सुबह हुई, उनकी भक्ति से प्रसन्न भगवान शिव ने उन सभी को आशीर्वाद दिया। शिवरात्रि इस घटना का उत्सव है, जिससे शिव ने दुनिया को बचाया। तब से इस दिन, भक्त उपवास करते है।


सुबह से ही मंदिरो में भीड़ एकत्रित होने लगती है, उसी के साथ साथ बहुत सी जगहों पर मेले लगते है ।

इसी के साथ साथ  महाशिवरात्रि से हमारी कुछ इस तरह यादें जुडी हुयी है , दरअसल हमारा घर बहुत बड़ा था  जिसमे बहुत सारे दरख़्त लगे हुए थे , जिनमे से एक पेड़ बेरी का भी था ।


जो हर साल बहुत ही खट्टे मीठे बेर हमें प्रदान करता था । उसी के साथ हमारे घर के आस पास रहने वाले हमारे हिन्दू भाई बहन सुबह से ही हमारे घर आकर बेरी के ताज़ा बेर तोड़ कर ले जाते थे ।


उन बेरो को तोड़ कर देना मेरी ज़िम्मेदारी होती थी, क्यूंकि मैं घर में छोटा था  और कैसे भी करके उस काँटों से भरे पेड़ पर चढ़ कर बेर तोड़ कर उन्हें दे देता।


वो लोग भी ताज़े और अपनी आँखों के सामने दरख़्त से टूटे बेर पाकर बहुत खुश हो जाते, और ख़ुशी ख़ुशी उसे अपनी पूजा में शामिल कर लेते बिना इस बात की परवाह किए बिना की ये कहा से आये है और किसने तोड़े है ।


सब लोग रीति रिवाज़ के साथ बहुत धूम धाम से महाशिवरात्रि का त्यौहार मनाते है , और जगह जगह से शिव भजन और गानों की आवाज़े आती है

जगह जगह बहुत सारी झाँकिया लगती है, जिसमे कालाकर अपना अभिनय दिखाते है. जिन्हे देखने लोगो की भीड़ उमड़ती है, कावड़ यात्रा पर निकले कवड़ियों के लिए जगह जगह खाने पानी और फलो का शिविर लगा कर इंतेज़ाम किया जाता है ।


30 days  festival / ritual competition 

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5 Comments

Mahendra Bhatt

04-Nov-2022 04:35 PM

शानदार

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Palak chopra

03-Nov-2022 03:09 PM

Shandar 🌸

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Gunjan Kamal

01-Nov-2022 12:46 PM

शानदार प्रस्तुति 👌🙏🏻

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