Kavya Soni

Add To collaction

काव्यदीप

दिल में बसी जो ये तेरी चाहत है

शामिल उसमें रूहानियत
कैसे शब्दों में जताऊं
क्या इसकी अहमियत है
दिल्लगी नहीं सनम
इस मुहब्बत में शामिल रूहानियत है
जो बढ़ती जाती तेरी ये तलब
तू जरूरत मेरी तू मेरी अब आदत है
ख्वाहिश इश्क की अब मंजिलियत
दिल्लगी नहीं ये सनम 
शामिल इस मुहब्बत में रूहानियत है
कैसे बताऊं दिलबर
तेरी मुहब्बत की क्या अहमियत है
दीवानगी सी दिल की कैफियत है
दिल में बसी जो ये तेरी चाहत है
शामिल उसमें रूहानियत


   14
4 Comments

Haaya meer

02-Nov-2022 05:47 PM

Amazing

Reply

Muskan khan

02-Nov-2022 05:04 PM

Wonderful

Reply

Sachin dev

02-Nov-2022 04:36 PM

बहुत खूब

Reply