शब्द -02-Nov-2022

"प्रतियोगिता "

दिनांक 02/11/२२
विषय स्वैच्छिक
विधा दोहा
शीर्षक शब्द

             शब्द 

शब्द नाद और ब्रम्ह है  
       शब्द स्वयं सामर्थ । 
शब्द शक्ति संपन्न है ,
     शब्द शब्द का अर्थ ।।1।। 
शब्द आदि और अंत है, 
     शब्द जगत का सार। 
शब्द बिना संसार में ,
       जीवन है बेकार।।2।। 
शब्द सृजन संहार है ,
   शब्द  वाण ना छोड़।
 शब्द समाधि साधना, 
      शब्द बडे़ बेजोड़।।3।। 
 शब्द भले और बुरे हैं, 
        शब्द सुधा सम जान। 
 ग्यानी और विमूढ़ की, 
        शब्दों से पहचान।। 4।। 
शब्द रहा है सदा से, 
        शब्द से है प्रारब्ध। 
नर जायेगा जगत से, 
        सदा रहेगें शब्द।।5।।
विनोदी महाराजपुर 

   15
9 Comments

Suryansh

07-Nov-2022 10:20 PM

बहुत ही सुंदर सृजन और अभिव्यक्ति एकदम उत्कृष्ठ

Reply

Swati chourasia

03-Nov-2022 10:25 AM

वाह बहुत ही बेहतरीन रचना 👌👌

Reply

उम्दा, उत्कृष्ट, सर्वोत्तम

Reply