Sunita gupta

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दोस्ती

नर्मदे हर
मेरी लेखनी
प्रदत्त विषय 

                  दोस्ती
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दोस्ती माने दो हस्ती एक होना
दोस्ती माने दो हस्ती  का साझा संकलन, 
दोस्ती माने तेरा मेरा से परे
दोस्ती माने मैं तुम नही हम
एक एहसास जो हम है तो क्या गम, 
एक जुमला हम किसी से कम नही, 
दोस्ती माने एक विश्वास 
कोई समजे ना समजे यार तो समजेगा
दोस्ती की उम्र नही होती , 
दिल मिले परस्पर विश्वास लाता नजदीक
जरूरी नही दोस्त हाथों मैं हाथ
डाले घूमे, 
दोस्त के मिलन की एहसास की 
स्मृति शेष जीने के हेतु काफी है
दोस्ती माने लूट जाए लाखों की दौलत 
मेरा यार है तो सब है
एक मधुर एहसास है दोस्ती
दोस्ती माने मन का समंदर
दोस्ती माने जीवन जीने का एहसास, 
दोस्ती माने दिल का सुखद एहसास
दोस्ती माने दिल मैं छुपे गहरे राज का हमजोली, 
दोस्ती माने दो हस्ती का मिलन l




वर्षा उपाध्याय
रेणु
खंडवा,
सुनीता गुप्ता सरिता कानपुर 

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7 Comments

Mahendra Bhatt

04-Nov-2022 02:48 PM

बहुत खूब

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Pratikhya Priyadarshini

03-Nov-2022 11:53 PM

Very nice 👍🌺

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Raziya bano

02-Nov-2022 06:26 PM

Bahut khub

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