लेखनी कहानी -02-Nov-2022
जो लिखा है वही होगा ,,,, लघु कथा
रमा सरकारी स्कूल में प्रधानाध्यापक थी ,उसके पति
भी बैंक में मैनेजर थे । उनकी एक तीन साल की
बिटिया थी । रमा और उसके पति को बेटे की चाह
थी । रमा फिर प्रेगनेंसी हुई तो उसनेअल्ट्रा साउंड
कराया तो रिपोर्ट में बेटी आई वो परेशान हो गई कुछ
दिन बाद फिर अल्ट्रा साउंड कराया तो रिपोर्ट आई
बेटा वह खुश हुई पर मन को शांति नही मिली उसने
फिर तीसरी बार अल्ट्रा साउंड कराया तो बेटी
की रिपोर्ट आई वह घबरा गई और पति से राय कर
अबॉर्शन करा दिया माथे पर हाथ रख लिया जो
बच्चा था वो बेटा था ।अब पछताने से क्या होगा
होगा , होगा वही जो तकदीर में लिखा होगा ।लड़के
चक्कर में आज रमा तीन बेटियों की मां है ।
बेटी को हमें किसी भी तरह बेटे से कम नहीं
समझना चाहिए।
सत्य घटना पर आधारित
निर्दोष जैन लक्ष्य
Gunjan Kamal
15-Nov-2022 10:19 AM
शानदार
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Khushbu
13-Nov-2022 06:03 PM
Nice 👍🏼
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Khan
05-Nov-2022 06:02 AM
Behtreen likha hai aapne
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