दैनिक प्रतियोगिता हेतु स्वैच्छिक विषय शीतलता
शीतलता
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मां वैष्णव देवी तुम
सबके मन को शीतल
करो ऐसी दया करुणा बरसादों हम सभी बच्चों पर मां ,तेरे दर से न अब खाली मै जाऊंगी ,कुछ कृपा हम सभी पर कर दो मां।
हे माता वैष्णव देवी माँ
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हे माता वैष्णव देवी माँ
आया तेरे दर पर अर्चक
हे पहाड़ों वाली देवी माँ
तुम हो माँ सबकी रक्षक।
माँ जगकी हो पालनहार
बसी जा पहाडों पे माता
माता जग की खेवनहार
दया दृष्टि रखो हे माता।
सब तेरे अज्ञानी बालक
हो सबकी भाग्यविधाता
मनोकामना पूरी करो माँ
करते सभी निवेदन माता।
जो भी तेरे दर पर आया
कभी नहीं गया वो खाली
पुर्ण हुई सभी की कामना
माँ वैष्णव सबसे निराली।
जगदीश भी करें कामना
सुनो माँ हे पहाडो वाली
करो मनोरथ पुरी सबका
माँ वैष्णव हे शेरावाली।।
डॉ जगदीश नारायण गुप्ता "जगदीश"
बनारस।
सुनीता गुप्ता सरिता कानपुर
Suryansh
08-Nov-2022 09:14 AM
बहुत ही सुंदर सृजन
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Khan
05-Nov-2022 05:59 AM
Behtreen likha hai aapne
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Shashank मणि Yadava 'सनम'
04-Nov-2022 08:46 AM
बहुत ही भावमय प्रस्तुति
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