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लेखनी कहानी -17-Oct-2022 नाग पंचमी (भाग 18 )



    शीर्षक :- नाग पंचमी

   सावन के महीने में हरियाली तीज के बाद नाग पंचमी का तयोहार मनाया जाता है।  इस दिन नाग का जोडा़ बनाकर उसकी पूजा करते है एवं नागौ को दूध पिलाते हैं।

    इस त्यौहार को मनाने के पीछे अनेक दन्त कथाए प्रचिलित है जिनमें से कुछ इसप्रकार हैं :-

       इस कथा के अनुसारएक बार एक गांव में एक किसान रहता था।
उस किसान की एक बेटी और दो बेटे थे। किसान बहुत मेहनती था.। वह अपने परिवार के पालन पोषण के लिए खुद हल चलाता था।. एक दिन हल जोतते हुए किसान ने गलती से एक नागिन के अंडों को कुचल दिया और सभी अंडे नष्ट हो गए।

              नागिन खेत में नहीं थी. जब वह लौटी तो बहुत गुस्सा हुई और उसने बदला लेने की ठानी ली। नागिन ने कुछ ही समय बाद किसान के बेटों को डस लिय।, जिससे दोनों की मौत हो गई। नागिन किसान की बेटी को भी डसना चाहती थी।. 

              लेकिन वो घर पर नहीं थी. अगले दिन नागिन फिर किसान के घर आई तो देखकर बहुत हैरान हुई, क्योंकि किसान की बेटी ने नागिन के सामने एक कटोरी में दूध रख दिया और नागिन से माफी मांगने लगी। किसान की बेटी के इस रवैये से नागिन बहुत खुश हुई और नागिन ने दोनो। भाइयों को जीवित कर दिया।  ये घटना श्रावण शुक्ल की पंचमी को हुई थी. यही वजह है कि इस दिन नागों की पूजा की  जाने लगी थी।


दूसरी कथा इस प्रकार है:-
  

       बहुत समय पहले की बात है एक राजा राज करता था  वहएक बार र वन से करैली तोड़ने लगा. तभी वहां नाग देवता आ गए और उन्होंने कहा कि तुमने मेरी आज्ञा की बिना करैली क्यों तोड़ी? राजा ने क्षमा मांग ली लेकिन, नाग देवता ने उनकी एक नहीं सुनी।  राजा ने नाग देवता से कहा कि मैंने रानी को वचन दिया है। इसलिए वो करैली को घर ले जाना चाहते हैं। नागदेवता ने कहा ठीक है ले जाओ लेकिन इसके बदले में तुम्हें अपनी पहली संतान मुझे देनी पड़ेगी।
राजा को कुछ समझ में नहीं आया कि क्या करे. राजा ने वचन दे दिया  आ गया।   

              घर आकर राजा ने रानी को सारी बात बता दी।  तभी रानी ने एक बेटे और एक बेटी को जन्म दिया।  कुछ ही दिनों में नाग राजा के घर संतान लेने पहुंचा । राजा ने कहा कि पहली संतान लड़की हुई थी, लड़की के मुंडन के बाद आना, तभी दूंगा । राजा की बात मानकार नाग वहां से चला गया। नाग फिर आया, राजा ने नाग को कहा कि शादी के बाद आना। लेकिन, नाग ने सोचा की शादी के बाद तो पिता का पुत्री पर कोई अधिकार ही नहीं रहता। इसलिए, नाग ने लड़की को उठा ले जाने की योजना बना ली।   



            और नाग एक दिन एक आदमी का रूफ बनाकर  नाग राजा की बेटी को उठाकर ले गया और राजा को बता दिया. राजा ने जैसे ही बेटी को ले जाने की बात सुनी तो राजा की  भय से मौत हो गई।

          राजा की मौत की खबर सुनकर रानी भी मर गई। अब घर में राजा का लड़का अकेला रह गया। ॰राजा के बेटे को उसके रिश्तेदारों ने लूट लिया और भिखारी बना लिया ।राजा का बेटा उसी समय से भीख मांगने लगा। 

         एक दिन भीख मांगते हुए राजा का लड़का नाग के घर पहुंचा तो उसकी बहन ने उसे पहचान लिया और फिर दोनों भाई-बहन प्रेम पूर्वक रहने लगे. तभी से नाग पंचमी  का पर्व मनाया जाता है       

   इह तरह और भी बहुत सी दन्त कथाऐ प्रचलित है।  परन्तु हम आज तक नाग पंचमी मनाते आरहे है।

 30 Days Festival  Competition  हेतु रचना।

नरेश शर्मा " पचौरी "

.3/11/२०२२




  

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5 Comments

Khan

05-Nov-2022 05:58 AM

Behtreen likha hai aapne

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Pratikhya Priyadarshini

03-Nov-2022 06:17 PM

👍 nice

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Palak chopra

03-Nov-2022 03:04 PM

Shandar 🌸

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