Priyanka06

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लेखनी प्रतियोगिता -05-Nov-2022 तुलसी विवाह क्यों हुआ आरंभ

विषय-तुलसी विवाह
शीर्षक-तुलसी विवाह क्यू हुआ आरंभ

तुलसी का नाम था वृंदा,
राक्षस कुल में हुआ जन्म,
फिर भी भगवान विष्णु की की भक्त।

भगवान विष्णु की करती सेवा,
रोम-रोम  में बसी भक्ति साधना,
प्रभु भक्ति में मगन रहती थी वृंदा।

जब बड़ी हुई वृंदा,
राक्षस कुल में हुआ विवाह,
जलंधर दानव बने पति राज।

जलंधर हुआ था समुंद्र से उत्पन्न,
कूट कूट कर भरा था बल,
हराने में रहते थे सब असमर्थ।

दाना और देवताओं में हुआ युद्ध का ऐलान,
दानव की तरफ से जलंधर ने किया युद्ध का आगाज,
वृंदा ने सुनाई  जलंधर को अपनी बात।

जब तक ना लोटोगे आप,
पूजा में बैठकर करूंगी अनुष्ठान,
वृंदा ने दिया जलंधर को वचन।

वृंदा थी पतिव्रता नारी,
उसकी महिमा थी न्यारी,
पूरी निष्ठा से निभाया अपना प्रण।

व्रत का लिया संकल्प,
व्रत के प्रभाव का बढ़ा तेजस्व,
जलंधर होता जा रहा था अमर।

कोई भी ना हरा पाया जब,
देवताओं का टूटा मनोबल,
विष्णु से करी गुहार।

हे प्रभु करो तुम कुछ  आज,
नहीं तो जाएंगे हम हार,
फिर राक्षसों का हो जाएगा राज।

प्रभु ने कहा,
वृंदा है पतिवर्ता,
मेरी करती आराधना।

कैसे करूं मैं छल,
तुम भी बचा सकते हो भगवन,
तुम ही निकालो कुछ हल।

हे प्रभु करो हमारी मदद,
विष्णु ने किया जलंधर का रूप धरण,
पहुंच गए भगवन वृंदा के महल।

देख अपने पति को पूजा से गई उठ,
किये उनके चरण स्पर्श,
टूट गया वृंदा का संकल्प।

देवताओं ने जलंधर का किया वध,
महल में जाकर गिरा मस्तक,
देख अपने पति का सिर हुआ अचरज।

पूछा फिर भगवान से कौन हो तुम,
जिसके छुए मैंने चरण ,
वृंदा को आई बात समझ।

दिया भगवान को श्राप,
भगवान बन गए पाषाण,
देख देवता करने लगे हाहाकार।

लक्ष्मी जी करने लगी विलाप,
लौटा दो मेरे नाथ,
वृंदा ने श्राप से किया मुक्त।

वृंदा अपने पति का लेकर मस्तक,
सती हो गई अपने पति के संग,
पौधे के रूप में हुआ जन्म।

विष्णु दे पौधे  को दिया तुलसी नाम,
पत्थर का नाम पड़ा शालिग्राम,
आज ही जानते सब इनका नाम।

शालिग्राम की तुलसी के साथ होती पूजा,
बिना तुलसी के नहीं होता भोग स्वीकार,
हर प्रसाद में होता तुलसी पान।

तुलसी जी का किया जाता विवाह,
कार्तिक मास में होता शालिग्राम के साथ,
देवउठनी एकादशी के दिन तुलसी विवाह होता सार्थक।

जो भी करें तुलसी विवाह,
विधि विधान से करते विवाह
कन्यादान का फल होता प्राप्त।

लेखिका
प्रियंका भूतड़ा

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7 Comments

Suryansh

07-Nov-2022 06:26 PM

बहुत ही सुंदर सृजन और अभिव्यक्ति एकदम उत्कृष्ठ

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Haaya meer

06-Nov-2022 03:08 PM

Amazing

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Muskan khan

06-Nov-2022 02:51 PM

Lajavab

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