डायरी
डायरी के कुछ पन्ने अधूरे रह गए,
तुम बिन हर बात अधूरी रह गई।
बैठ कर करनी थी तुम से चंद बात,
उनके अल्फ़ाज़ अधूरे रह गए।
डायरी के कुछ पन्ने अधूरे रह गए हैं,
मांग लेते चंद सांसें उधार।
बात कर लेते हम तमाम,
जिंदगी का सफर अधूरा रह गया।।
डायरी के कुछ पन्ने अधूरे रह गए,
हर सांस की हर बात अधूरी रह गए।
साथ साथ मुस्कुराना था हमें,
गीत कोई गाना था हमें।
डायरी के कुछ पन्ने अधूरे रह गए,
प्यार के किस्से अधूरे रह गए।
तुम छोड़कर क्या गए मुझे,
जिंदगी का हर हिस्सा अधूरा रह गया।
डायरी पूरी कैसे करूं मैं बता,
हर फलसफा अधूरा रह गया।
छोड़ मझधार में मुझे गया,
क्या लिखूं डायरी अब बता।
अधूरा मेरा सफर रहा।
रचनाकार ✍️
मधु अरोरा
Gunjan Kamal
15-Nov-2022 05:11 PM
बहुत ही सुन्दर
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Haaya meer
07-Nov-2022 07:07 PM
Amazing
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Sachin dev
07-Nov-2022 03:55 PM
बहुत खूब
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