Priyanka06

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लेखनी प्रतियोगिता -07-Nov-2022 लौटती यादें

विषय-लोटती यादें


हे मेरे हमसफर, कैसे जियूं तुम्हारे बगैर।
छोड़ दिया मेरी राहों का पथ।

छा गया सारे जहां में अंधेरा,
बस बचा है पुरानी यादों का बसेरा।

हमेशा रहती हैं तुम्हारी यादें,
जिस्म में बसी तुम्हारी बातें।

भूल कर भी नहीं भूल पाती,
पुरानी यादें लौटकर मन को जगाती।

तुम्हारे संग बिताए वह हर पल,
रुदन हो जाता मेरा मन।

वो अपनी खट्टी मीठी नोकझोंक,
लौट कर आ जाती है यादे रोज।

जब भी आते वार त्यौहार,
तुम्हारी यादों का खड़ा हो जाता पहाड़।

देखती हूं तुम्हारी तस्वीर,
नैनों में भर जाते हैं नीर।

तुम चले गए छोड़कर,
एक बार तो सोचते।

कैसे रह पाएगी तुम्हारी प्रिया,
 तुम्हारे बिन अधूरी हूं सैया।

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7 Comments

Gunjan Kamal

15-Nov-2022 05:31 PM

बहुत ही सुन्दर

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Suryansh

08-Nov-2022 10:28 AM

भावनात्मक अभिव्यक्ति

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Punam verma

08-Nov-2022 09:27 AM

Nice

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