Add To collaction

चांदनी रात



चमन के किसी भी कोने में वो मिली नहीं है
यह रात चांदनी तो है मगर  उजली नहीं है

मजबूरियों ने उसके लबों को ख़ामोशी दे दी
आंख मिलाती तो है मुझसे बात करती नहीं है

मौजूद है मेरे कमरे में अब तक उसका वजूद
सिर्फ फ्रेम बदला है मैंने तस्वीर बदली नहीं है

तनहा हो गयी होगी वो भी बिछड़कर मुझसे
मुझे मालूम है कि उसकी कोई सहेली नहीं है

ख़ुशी और ग़म हर एक जीस्त का हिस्सा है
दुश्वार है इश्क़ की डगर 'राही" पहेली नहीं है

   16
8 Comments

Gunjan Kamal

15-Nov-2022 06:09 PM

बहुत ही सुन्दर

Reply

Abhinav ji

10-Nov-2022 07:46 AM

Very nice👍

Reply

अनीस राही

10-Nov-2022 02:04 PM

Shukriya

Reply

मौजूद है मेरे कमरे में अब तक उसका वज़ूद ,,,,, सिर्फ फ्रेम बदला है तस्वीर नहीं, ,,,, outstanding मजा आ गया

Reply